माला जपने से दूर होते हैं कुंडली के दोष, जानें किस माला से करें किस देवी-देवता का जाप

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विभिन्न प्रकार की मालाएं लोगों की साज सज्जा के कार्य में तो आती ही हैं, देवी और देवता की कृपा पाने के लिए भी अलग अलग तरह की मालाओं का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र में भी कुंडली के दोषों के निवारण के लिए अलग-अलग मालाओं से जप करने का सुझाव दिया जाता है.

तुलसी की माला
सबसे पहले बात करते हैं तुलसी की माला के विषय में, तुलसी की पवित्रता की पौराणिक कथा तो सभी को पता है, तुलसी के औषधीय गुणों को भी लोग भलीभांति जानते हैं. तुलसी की माला को धारण करने मात्र से बुखार में आराम मिलता है, इस माला से जाप करने से भगवान विष्णु, श्री राम और कृष्ण आदि देवताओं की कृपा प्राप्त होती है.

चंदन की माला
इसी तरह चंदन की माला का भी उपयोग है, यह दो प्रकार की होती है एक लाल चंदन और दूसरी सफेद चंदन. देवियों को प्रसन्न करने के लिए लाल चंदन की माला या फिर स्फटिक की माला से जाप किया जा सकता है जबकि सफेद या श्वेत चंदन जिसका उपयोग देवताओं की कृपा पाने के लिए किया जाता है. चंदन का माला शीतलता प्रदान करता है. रुद्राक्ष की माला से जाप करने पर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है, धन की देवी माता लक्ष्मी की अनुकंपा पाने के लिए कमलगट्टे की माला से उनके मंत्र का जाप किया जाता है.

 

ऐसे किया जाता है जाप
तन और मन को शुद्ध करने के बाद जिस देवता की आराधना करनी है उसकी प्रतिमा के सामने आसन बिछा कर बैठ जाएं. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए माला जाप हमेशा शांत और एकांत स्थान पर ही करना चाहिए. भूमि पर आसन बिछाने के पहले आपको दो बूंद जल डाल कर उस जगह को शुद्ध कर लेना चाहिए. माला जप हमेशा निश्चित संख्या में और निश्चित समय पर ही करना लाभदायक होता है.

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