सावधान! फोन पर करते हैं लंबी बातें? जीवनभर के लिए मिल सकती है यह गंभीर बीमारी

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टेक्नोलॉजी के इस जमाने में मोबाइल हमारी जरूरत है। लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से कई तरह के नुकसान भी होते हैं। आपने देखा होगा कि कई लोग मोबाइल पर घंटों बातें करते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सतर्क हो जाइए। दरअसल, एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ कि मोबाइल की वजह से आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रेवेंनशन (CDC) के मुताबिक, अमरीका में लगभग आधी वयस्क आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है। वहीं भारत की बात करें तो यहां की शहरी वयस्क आबादी 33% और ग्रामीण की लगभग 25% आबादी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है। नई रिसर्च के अनुसार, मोबाइल भी हाई ब्लड प्रेशर की वजह बन सकता है।

मोबाइल फोन और ब्लड प्रेशर का कनेक्शन
ब्लड प्रेशर की बड़ी वजह वैसे तो खराब लाइफस्टाइल को माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल भी हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाता है। यूरोप में फोन कॉल, जेनेटिक कारक और हाइपरटेंशन के नए कारणों पर रिसर्च किया गया। डिजिटल हेल्थ नामक यूरोपियन हार्ट जर्नल में छपे इसके रिसर्च पेपर के मुताबिक, मोबाइल फोन कॉल और हाइपरटेंशन के बीच काफी संबंध पाए गए।

फोन पर लंबी बात करना खतरनाक
रिसर्च में पाया गया कि एक हफ्ते में 30 मिनट से ज्यादा फोन पर बात करना, हाई ब्लड प्रेशर विकसित होने के खतरे को बढ़ा देता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जरूरत से ज्यादा स्मार्टफोन का यूज करना शरीर के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान होने लगता है। मोबाइल के साइड इफेक्ट्स की बात करें तो भूख ना लगना, ज्यादा खाना, नींद से जुड़ी समस्याएं आदि इसके जाने-माने साइड इफेक्ट्स हैं। इसके अलावा मोबाइल की आदत फिजिकल एक्टिविटी कम कर देती है और शरीर का वजन भी बढ़ सकता है। ये सभी स्थितियां सीधे तौर आपके ब्लड प्रेशर लेवल पर इफेक्ट डालती हैं।

उपचार से बेहतर है बचाव
वैसे तो मोबाइल फोन के इस्तेमाल और हाइपरटेंशन के बीच के सीधे संबंध का अभी पता नहीं चला है, लेकिन ऐसे कई संकेत हैं तो इशारा करते हैं कि मोबाइल फोन सेहत संबंधी परेशानी जरुर बढ़ा सकता है। ऐसे में बेहतर ये होगा कि संभावित खतरे को जितना हो सके, कम किया जा सके। खास तौर पर जिन लोगों को पहले से ही ये बीमारी है, उन्हें मानसिक और शारीरिक रुप से बेहतर रहने के लिए इससे थोड़ी दूरी जरुर बना लेनी चाहिए।

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