गौराछापर सरपंच सचिव और आरईएस के अधिकारियों ने दो मंजिला तालाब बना दिया कागज में ग्राम की जनता खोज रही है। 20 एमएम का लोहा बिना लगाए ही सरपंच ने सचिव और उपयंत्री ने मासूम ट्रेडर्स के नाम फर्जी बिल लगाकर निकली राशि

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले के जनपद पंचायत नैनपुर से एसडीओ और उपयंत्री जांच दल ग्राम पंचायत गौराछापर में नवीन तालाब और अमृत सरोवर तालाब को खोजने के लिऐ अधिकारी आए थे। मगर मौके पर सरपंच पति सीताराम टेकाम अपनी शासकीय ड्यूटी छोड़ अधिकारियों के पास पहुंच गए और तालाब निर्माण कार्य में हुऐ घोटाले को दबाने के लिऐ हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मगर ग्रामवासियों की शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। जिसके कारण सरपंच के हौसले बुलंद है। वही जब भी कोई जांच पंचायत में आती है। तो सरपंच पति जोकि शिक्षक है। अपनी ड्यूटी छोड़कर सबसे पहले उपस्थित रहता है। जिसके कारण ग्राम वासियों में भारी विरोध रहता है।

जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी नही दे रहें है। दस्तावेज

ग्राम पंचायत में वर्ष 2018 में नवीन तालाब स्वीकृत कराया गया था। तालाब की लागत राशि चौबीस लाख अठ्ठासी हजार थी । वही पंचायत ने नवीन तालाब का निर्माण पूरा नहीं किया और सीसी जारी करवा कर उसी तालाब में ऊपर मिट्टी डालकर अमृत सरोवर तालाब निर्माण कार्य करवा दिया गया है जिसकी स्वीकृति राशि पन्द्रह लाख रुपए है। वही अमृत सरोवर तालाब का आज भी निर्माण कार्य अधुरा है। वही सरपंच और सचिव उपयंत्री ने ऐसा कारनामा किया है। कि नवीन तालाब निर्माण कार्य अधुरा था। और निर्माण कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत गौराछापर सरपंच सचिव उपयंत्री ने तालाब निर्माण कार्य में हुआ भारी घोटाला हुआ तालाब निर्माण कार्य में गेट बनाने के लिए पिंडरई मासुम ट्रेडर्स के बिल लगाए गए हैं। जिसमें 20 एमएम लोहा का प्रयोग किया है। जिसका भुगतान भी निर्माण एजेंसी के द्वारा सत्तर हजार रुपए का बिल भुगतान किया गया है। जबकि ग्रामवासियों और तालाब निर्माण कार्य में काम करने वाले मजदूरों का कहना है।कि तालाब के गेट पर कोई लोहा नहीं लगाया गया है। निर्माण कार्य सरपंच पति सीताराम तेकाम मासुम ट्रेडर्स के यहां से फर्जी बिल लगाकर पैसौ का आहरण कर लिया गया है। वही विभाग को संपूर्ण जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही करना एक संदेह के घेरे में है। जब ग्राम वासियों ने शिकायत की जनपद पंचायत के अधिकारियों ने जांच तो बैठा दी मगर आज तक क्या कार्यवाही हुई किसी को नही पता है।

ग्रामवासी खोज रहे है। दो मंजिला तालाब मगर मिला नही आज तक तालाब

ग्राम पंचायत के कुछ जागरूक नागरिकों ने जब जिला पंचायत और जिला कलेक्टर को शिकायत की ओर सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी तो आज तक अधिकारी जानकारी नहीं दे पाए और मामले को दबाने को पूरा प्रयास कर रहें है। वही ग्रामीणों का कहना है। कि नवीन तालाब के अधूरे कार्य को बंद कर अमृत सरोवर तालाब 15 लाख रुपए का स्वीकृति कराकर उसी तालाब के उपर मट्टी डालकर नवीन तालाब को अमृत सरोवर तालाब के नाम से पैसों का आहरण किया गया है। वही जनपद पंचायत नैनपुर से आई जांच टीम ने बताया कि सरपंच भागीरथी गोंड और सचिव के द्वारा एक ही जगह पर दो तालाबों का निर्माण कार्य किया गया है। जांच के समय सरपंच पति सीताराम गोंड अपना मुंह दुपट्टा से छिपाते देखा गया जबकि उसको स्कूल में होना चाहिए था।

इनका कहना है।

मुरलीटोला तालाब निर्माण में सरपंच और सचिव और उपयंत्री के द्वारा दो मंजिला तालाब का निर्माण किया गया है। जिसमे कोई लोहा का प्रयोग नहीं किया गया है। और फर्जी बिल लगा कर राशि का आहरण किया गया है। मगर मौके में
कोई गेट नही है।
रामलाल उपसरपंच
गौराछापर ग्राम मुरलीटोला

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