घर में करते हैं आरती तो जान लें ये जरूरी नियम, कितनी धूप या अगरबत्ती का करें इस्तेमाल

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हिंदू धर्म में रोजाना घरों में पूजा-पाठ किया जाता है. लोग सुबह उठकर नहा-धोकर अपने ईष्ट की आराधना करते हैं. पूजा के दौरान लोग भगवान को कुमकुम, हल्दी, फूल आदि चढ़ाते हैं. इसके साथ ही धूप-बत्ती कर आरती करते हैं. आरती हमेशा पूजा के बाद आखिर में की जाती है ताकि अगर कोई पूजा में गलती हो गई है तो भगवान उसे क्षमा करे. आरती किए बिना पूजा सफल भी नहीं मानी जाती. शास्त्रों में आरती के जुड़े भी कुछ नियम बताए गए हैं.

कितनी अगरबत्ती या धूप का करे प्रयोग

शास्त्रों के अनुसार जब भी आरती करें तो धूप, अगरबत्ती, कपूर या बाती की संख्या पर जरूर ध्यान दें. शास्त्रों के अनुसार जब भी धूप या अगरबत्ती से भगवान की आरती करें तो इसकी संख्या हमेशा विषम यानी ऑड होनी चाहिए. जैसे 3,5,7 या 9. वहीं अगर आप दीप जला रहे हैं तो बाती की संख्या भी विषम ही रखें.

भगवान को कितनी बार दें आरती

शास्त्रों के अनुसार आरती भगवान को तिने बार दें इसके बारे में भी जानकारी दी गई है. सबसे पहले भगवान के चरणों में चार बार, नाभि में दो बार, मउख मती तरफ एक बार और फिर सर से लेकर पांव तक सात बार आरती देनी चाहिए. यानी कुल 14 बार आरती दी जाती है.

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