जबलपुर-आधुनिक युग में आज भी लोग अंधविश्वास के चलते प्राचीन दवाओ से इलाज करने पर विश्वास कर रहे हैं

बैध द्वारा दवा दिये जाने से बच्चे की बीमारी ठीक हो जाती है।

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आधुनिक युग में आज भी लोग अंधविश्वास के चलते प्राचीन दवाओ से इलाज करने पर विश्वास कर रहे हैं ऐसा ही नजरा मुख्य रेलवे स्टेशन के समीप माल गोदाम चौक पर देखने को मिला जहां सुबह 4:00 बजे से छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर माँ बच्चों का इलाज बैध से करवा रही है। नज़र, बुखार, हरे दस्त, रोनी, रात मे चौकना, आदि रोगों से पीड़ित बच्चों का इलाज वेद बच्चों को हाथ में दवा बांधकर करते हैं लोगों का कहना है कि सुबह 4:00 से बच्चों को दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है बैध द्वारा दवा दिये जाने से बच्चे की बीमारी ठीक हो जाती है। दूर दूर से लोग बच्चों का इलाज करवाने यहां पहुंचते हैं। कई बच्चों का इलाज लगातार बैध द्वारा किया जा रहा है जिसकी जानकारी मिलने पर बच्चों की बीमार होने पर दवा लेने जबलपुर पहुंचे हैं।

दवा तीन दिन के बच्चों से लेकर दस साल के बच्चों को दवा हाथ मे बांधने का कार्य नागोंद जिला सतना निवासी गणेश विरहा के परिवार जबलपुर में आकर निः शुल्क दवा का वितरण कर रहे है वैदिक गणेश बाद का कहना है कि दादा। स्व, रामाधीन विरहा बाद पिता श्री राम स्वरूप के बाद लगातार मानवता सेवा जारी है। 111 सालों से लगातार हर रविवार ठंड ,गर्मी ,बारिश में बच्चों को लेकर मां-बाप इलाज करवाने आते हैं। भगवान के आशीर्वाद से बच्चों को दवा देने के बाद सभी बच्चों को लाभ प्राप्त होता है।

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