पहले जूते धो ले आओ फिर करना पढ़ाई मैडम का बच्चों के प्रति अमानवीय चेहरा आया सामने….

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पहले जूते धो ले आओ फिर करना पढ़ाई मैडम का बच्चों के प्रति अमानवीय चेहरा आया सामने….

रेवांचल टाईम्स – आदिवासी बाहुल्य जिले में गुरु शिष्य का रिश्ता शर्मशार करने वाली जानकारी सामने आई है जहां पर एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने अपने ही स्कूल में पढ़ने वाले गरीब आदिवासियों के भोलेभाले बच्चों से पहले अपने जूते धुलवाएं फिर की पढ़ाई शुरू।
मंडला बैगा आदिवासी बाहुल्य जिला शिक्षा और जगरूकता की कमी के चलते सरकारी व्यवस्था चौपट हो चुकी है वही दूसरी और गुरु और शिष्य के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना आये दिन होती रहती है और ये बात आम हो चुकी है और जिले के अंधे बहरे और गूंगे जनप्रतिनिधि ने तो कसम ख़ा रखी है जो करना है करो हमे जनता से कोई लेना देना नही है हमे तो केवल पांच साल एक बार बोट से मतलब है और जिले के बरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अधीनस्थों पर ऐसे मेहरबान है कि वह कुछ भी करे वह सब देख लेंगे मंडला जिले की शिक्षा व्यवस्था चरमरा हुए जर्जर हो चुकी है आये दिन दूरस्थ स्थानों में संचालित सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षक शिक्षिका के द्वारा जो बच्चों के साथ किये जा रहे कृत्य सामने आ रहे है कही स्कूलों में झाड़ू लगवाना तो कही बर्तन साफ करवाना तो कही स्कूलों के टॉयलेट साफ करवाना या फिर स्कूल में पढ़ छात्र छात्रों के साथ अमानवीय कृत्य करना ऐसे अनेक मामले सामने आते है और जब शिकायत होती है बरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा एक रटा रटाया जबाब की जानकारी संज्ञान में आई है जल्द ही कार्यवाही की जावेगी पर ये नही बताते है कि कब होगी कैसी होगी ये किसी को जानकारी नही लग पाती है और फिर धीरे धीरे यथावत चलता रहता हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के विकास खण्ड घुघरी की प्राथमिक शाला में टीचिंग स्टाफ का अमानवीय चेहरा उजागर
नंगे पैर जाने वाले बच्चों से मैडम अपने जूते कराती है साफ और नलों में बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के लिए मैडम के जूते धुलने को मजबूर..
वही बैगा आदिवासी बाहुल्य जिले में कुछ भी होना संभव है शासन के द्वारा शिक्षा को लेकर तरह तरह की योजना संचालित की जा रही है गांव गांव में स्कूल खोले गये हैं ताकि शिक्षा का दायरा बढ़े और कोई भी बच्चा अनपढ़ न रहे सभी बच्चे शिक्षित हो सकें जिससे देश एवं समाज में शिक्षा का क्षेत्र उन्नत हो देश के बच्चे पढ़ लिखकर उन्नति करेंगे जिसके लिए सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है सभी स्कूलों में शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को भर्ती किया गया है शिक्षकों के द्वारा देश के भविष्य का निर्माण किया जाता है ये शिक्षक देश के भविष्य निर्माता कहे जाते हैं शिक्षा देने वाले ये शिक्षक जब अपना दायित्व भूलकर कर्तव्य से विमुख हो जाते हैं तो इनका अमानवीय चेहरा सामने आता है वहीं सरकार द्वारा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए जहां पर तरह तरह की सुविधाएं जैसे स्कूल ड्रेस,सायकिल,मध्यान्ह भोजन और अन्य प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही है ताकि गरीब परिवार के बच्चे जो कि पैसों के अभाव में अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते वो अपनें गांव में रहकर ही अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें लेकिन कुछ शिक्षकों की मनमानी और गुलामी का दंश आज भी गांव के बच्चे झेल रहे हैं
ऐसा ही एक मामला तहसील मुख्यालय से लगे महज 5 किलोमीटर दूर झिगरघटा प्राथमिक शाला का आया है जहां पर शिक्षा की वजह से इन्हे शिक्षिका पद सरकार के द्वारा दिया गया है लेकिन उनकी मनमानी कहें या बच्चों के शिक्षा के साथ खिलवाड़ कहें जो कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार के चलते गरीब बच्चों से अपने जूते धुलवाने का मामला सामने आया हैं जो कि साफ साफ ग्रामीण जनों के सामने ही बच्चे मैडम के जूते पास के नल से साबुन निरमा से धुलने की फोटो के साथ तहसीलदार को शिकायत की है कि प्राथमिक शाला कि शिक्षिका भागवती चौबे बच्चों से अपने जूते धुलवा रहीं है..
जिसकी शिकायत सरपंच से लेकर बच्चों के पालकों ने भी शिकायत की है जिसमें पालकों ने दण्डात्मक कार्रवाई की मांग की है
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मैडम की पहुंच उपर तक होने के कारण आज तक कोई कार्यवाही नही हो सकी इसके पहले भी अनेको बार शिकायत हुई है लेकिन शायद खण्ड शिक्षा अधिकारी जिले के सहायक आयुक्त से लेकर ऊपर तक पकड़ होने के कारण आज तक कार्रवाई करने में संकोच करते हैं आखिर ये संरक्षण किसके कारण और आज दिनांक कितनी ही शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई..

इनका कहना
वही इस विषय पर खण्ड शिक्षा अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा 2-3 बार फोन नहीं उठाया गया और जब उन्होने फोन उठाया तो जवाब मिला कि मेरा फोन खराब हो गया है आवाज नहीं आ रही है।
एल एस उइके
खंड शिक्षा अधिकारी घुघरी

गलती अग़र की गई है तो जल्द ही कार्यवाही की जायेगी।
एल एस जागेत
सहायक आयुक्त मंडला

 

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