प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया में रखें नजर – डॉ. सिडाना

एमसीएमसी कमेटी का प्रशिक्षण संपन्न

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मण्डला 12 मार्च 2024

मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग के प्रशिक्षण में कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने निर्देशित किया कि आगामी लोकसभा निर्वाचन में समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। समिति सदस्य प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशलमीडिया में कड़ी निगरानी रखेंगे तथा भ्रामक एवं असत्य खबरों का तत्काल प्रभावी ढंग से खंडन की कार्यवाही करेंगे। अभ्यर्थियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जाए। व्हाट्सऐप ग्रुप पर आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन तथा बिना प्रमाणीकरण के विज्ञापन प्रसारित करने पर पोस्ट करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ ग्रुप एडमिन पर भी कार्यवाही करें। प्रशिक्षण में सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर अरविंद कुमार सिंह, मास्टर ट्रेनर टीपी मिश्रा और श्रीकांत श्रीवास्तव सहित समिति सदस्य मौजूद रहे।

कलेक्टर डॉ. सिडाना ने कहा कि गठित एमसीएमसी द्वारा चुनाव के दौरान विज्ञापनों, पेड न्यूज, वॉईस एसएमएस, बल्क एसएमएस, सोशल मीडिया, ई-न्यूज पेपर, ऑडियो और वीडियो सहित समस्त प्लेटफॉर्मों पर निगरानी रखेगी। जिससे इन माध्यमों से किए जा रहे प्रचार-प्रसार की व्यय राशि को अभ्यर्थी के खातों में जोड़ा जा सके। प्रशिक्षण में पावरप्वाईंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया कि पेड न्यूज प्राप्त होने पर व्यय राशि अभ्यर्थी के चुनावी खर्चे में जोड़ा जाएगा। अभ्यर्थियों को विज्ञापन प्रसारित करने के पूर्व अनुमति लेनी होगी, जिससे व्यय राशि को उनके चुनावी खर्चों में जोड़ा जा सके। चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट और फेसबुक की जानकारी भी देनी होगी, जिससे उनके सोशल मीडिया अकाउंट और फेसबुक पर भी निगरानी रखी जा सके। कोई भी ऑपरेटर या न्यूज चैनल किसी ऐसे विज्ञापन का प्रसारण नहीं करेगा जो विधि के अनुरूप न हो एवं जो नैतिकता भावना, मर्यादा या विचारों को ठेस पहुंचाता हो। सभी राजनैतिक विज्ञापन जो कि टीव्ही चैनल एवं केबल नेटवर्क पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है, उसे प्रसारण के पूर्व प्रमाणित किया जाना चाहिए।

जिला स्तरीय एमसीएमसी के द्वारा प्रतिदिन प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की जांच की जाएगी। व्हाट्सऐप ग्रुप में होने वाले चुनावी प्रचार-प्रसार को भी अभ्यर्थी के खर्चों में जोड़ा जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा जब यह बताया जाता है कि उनके द्वारा व्हाट्सऐप में इस प्रकार से प्रचार नहीं किया गया है तो मैसेज प्रसारित करने वाले व्यक्ति और व्हाट्सऐप ग्रुप एडमिन के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। चुनाव के दौरान अफवाहों और फेक न्यूज की जांच कर उनका भी खंडन किया जाएगा।

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