वाटरसेड के लघु तालाब निर्माण में उपयंत्री आदित्य खत्री ने जमकर मचाया भ्रष्टाचार किसानों के साथ हुआ बड़ा धोखा….

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रेवांचल टाईम्स – हितग्राहियों को मूर्ख बनाने का चल रहा बड़ा खेल अधिकारी जानकर भी बने अनजान आखिर कब होगी भ्रष्टाचार उप यंत्री पर कार्यवाही..

आदिवासी बाहुल्य जिले में शासकीय धनराशि में भ्रष्टाचार का खेल अपनी चरम सीमा लांघ चुका है, भ्रष्टाचारियों के लिए यह जिला कितना मुफीद है, यह तो इसी से पता चल जाता है की विकास के लिए आने वाली शासकीय धनराशि को भ्रष्टाचार की बालिवेदी में आहूत करने वाले उप यंत्री आदित्य खत्री भ्रष्टाचार करने के बाद भी ये पाक साफ अजगर की तरह कुंडली मारकर सुकून से बैठे हुए है! ऐसा ही मामला है जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हिनौता का जहां बीते वर्ष वाटरसेड विभाग से हितग्राही मूलक लघु तालाबों का निर्माण कार्य कराया गया था, लेकिन हितग्राहियों को उक्त तालाबों से रत्ती भर भी लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे त्रस्त होकर अब हितग्राही आधे अधूरे पड़े तालाबों को जमींदोज करने की गुहार, निर्माण कार्य करने वाले अफसर से लगा रहे है!

क्या है पूरा मामला

दरासल पूरा मामला यह है की ग्राम पंचायत हिनौता के किसान/हितग्राहियों हरिओम मचेहा, दिनेश पट्टा, अनूप, धरम सिंह सैयाम,विशाहू नाथ और भी ऐसे लगभग 15 हितग्राहियों के खेतों में वाटर सेड विभाग के उपयंत्री आदित्य खत्री के द्वारा इन हितग्राहियों के खेतों में लगभग 4,00000 रुपए की लागत से लघु तालाब का निर्माण कराया गया था, जिसमें ना तो रत्ती भर पानी है, और ना ही हितग्राहियों को इससे कोई लाभ मिल पा रहा है,जिससे किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं!

किसानों के खेतों को बना लिए कमाई का जरिया

हितग्राही हरि ओम मचेहा के द्वारा बताया गया कि मेरे खेत में उप यंत्री आदित्य खत्री के द्वारा लगभग 4,00000 रुपए की लागत से लघु तालाब का निर्माण कराया गया था,जो लघु तालाब आज भी अधूरा पड़ा हुआ है, ना तो तालाब की नींव में काली मिट्टी की भराई की गई है, और ना ही तालाब की मेड़ पर पत्थरों की पिचिंग कराई गई है, जिससे बरसात का पानी भी नहीं रुक पा रहा है, मेरे द्वारा उक्त तालाब में लगभग 6000 मछलियों के बीज डाले गए थे, लेकिन तालाब में पानी न रुक पाने के कारण इससे भी मुझे आर्थिक क्षति हुई है! इस संबंध में उपयंत्री से बात करने पर उपयंत्री साहब के द्वारा मुझसे कहा गया, तुम्हें जहां मेरी शिकायत करना है, कर दो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है, किसान हरिओम नाथ के द्वारा बताया गया कि लघु तालाब का निर्माण कार्य केवल जेसीबी मशीन से कराया जाता है,जिसमें लेबरो से कोई भी कार्य नहीं कराया जाता है! किसान हरिओम मचेहा के द्वारा बताया गया कि मेरे खेत में निर्मित लघु तालाब में लगभग 90 से 100 घंटे ही जेसीबी मशीन चली है, जिसका लागत लगभग ₹100000 आया होगा, बाकी का पैसा कहां गया, इसकी कोई जानकारी मुझे नहीं बताई जा रही है! उक्त मामले की अगर गंभीरता से जांच की जाए, तो अकेले ग्राम पंचायत हिनौता में ही करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आ सकता है! लेकिन क्या करें कमीशन खोरी के चलते उच्च अधिकारी भी कार्यवाही करने में करते हैं परहेज आखिर कब तक उपयंत्री आदित्य खत्री द्वारा चलता रहेगा भ्रष्टाचार यहां तो अपने आप में एक अहम सवाल है।

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