1 मई से बेरोजगार हुए आक्रोशित अतिथि शिक्षकों ने कार्यकाल बढ़ाकर नियमितीकरण के लिए सौंपा ज्ञापन

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला।लोकसभा चुनाव के पहले शासन के द्वारा जारी आदेश के अनुसार 1 मई से मध्यप्रदेश भर के लगभग साठ हजार से भी ज्यादा अतिथि शिक्षक बेरोजगार कर दिए गए हैं। शासन की इस तरह की शोषणकारी आदेश से हजारों परिवारों के ऊपर बेरोजगारी का एकमुश्त गाज एक बार फिर से गिर गया है।जिससे आक्रोशित अतिथि शिक्षकों ने मई दिवस विश्व मजदूर दिवस की शुभकामनाएं देते हूं मुख्यमंत्री के नाम बुधवार 1 मई को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है।सौपे गये ध्यानाकर्षण ज्ञापन में मुख्य रूप से मांग की गई है,कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा 2 सितंबर 23 को भोपाल में की गई घोषणाओं के सभी पांचों बिंदुओं पर जल्द ही अमल करते हुए सबसे पहले सालाना अनुबंध की घोषणा को विश्व मजदूर दिवस 1 मई से ही लागू कर सेवा निरंतर जारी रखने आदेश जारी किये जाएं।ताकि हर शिक्षा सत्र के आखिरी में बेरोजगार न होना पड़े।


सरकार की किसी भी नीति के चलते काम से बाहर होते आ रहे अनुभवी अतिथि शिक्षकों को खाली स्थानों पर प्राथमिकता से भर्ती की जाए।अतिथि शिक्षकों का मासिक मानदेय समय पर भुगतान कराया जाए।
हाल ही में अतिथि शिक्षकों के बनाए जा रहे अनुभव प्रमाण पत्र की प्रक्रिया में सरलता लाते हुए पूरे-पूरे कार्य दिवसों का अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया जाए। ताकि किसी भी अतिथि शिक्षकों को अधिकतम कार्य दिवसों के अनुभव के लाभ से वंचित न रहना पड़ जाए। इन मांगों के अनुसार समय पर निर्णय नहीं लिए जाने की स्थिति में संपूर्ण मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अब जन आंदोलन छेड़ने मजबूर हो जाएंगे।
ज्ञापन अवसर पर संजय सिसोदिया,पी डी खैरवार,प्रहलाद झरिया मुख्य रूप से सामिल रहे।

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