मटियारी परियोजना की मुख्य नहर टूटने से पानी की हो रही बर्बादी

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – अंजनिया शासन की योजनाओं का बंदरबाट किस तरह किया जाता है उसका जीता जागता उदाहरण अंजनिया क्षेत्र के बघरौड़ी ग्राम से जुड़ी सिंचाई विभाग की मटियारी डैम की मुख्य पक्की नहर की टूटी हुई दीवार से संबंधित है। बघरौडी ग्राम में जल संसाधन से जुड़ी हुई मटियारी परियोजना अंतर्गत मुख्य नहर की दीवार टूट जाने से जल का बहाव मुख्य नहर से हटकर अन्यत्र जगह हो रहा है जिससे बहुत अधिक मात्रा जल की बर्बादी हो रही है। खामियाज यह है कि वास्तव में नहर से जुड़े हुए किसानों के जिन खेतों में पानी की आवश्यकता है वह पानी अलग दिशा में जाकर बर्बाद हो रहा है।
ग्राम पंचायतों के अंतर्गत रोजगार गारंटी योजना के तहत जानबूझकर कुछ नालियों और छोटे-बड़े नालों की सफाई में मजदूरी के कार्य पंचायत द्वारा कराए जाते हैं यदि उन मजदूरों से इस मटियारी परियोजना से जुड़ी पक्की नहर की दीवारों का यदि सुधार कार्य हो जाता तो निश्चित ही क्षेत्र के कृषकों को इसका फायदा जरूर मिल पाता और शासन के पैसों का दुरुपयोग ना हो पाता लेकिन मटियारी परियोजना के जिम्मेदार अधिकारी अपनी जवाबदारी से पल्ला झाड़ने में लगे रहते हैं और कृषकों को नित्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों को लाभ दिलाने के लिए बहुत सी नई योजनाओं की घोषणा जरूर की है परंतु जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री की योजनाओं को अपनी लापरवाही के चलते लगाकर उसे बौना साबित कर रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो किसानों की दुर्दशा होने से कोई नहीं रोक सकता इसके दुष्परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ता दल को जरूर ही देखने मिल सकते हैं।
यही नहीं मटियारी परियोजना से जुड़े हुए अधिकारी कभी भी आम जनता के बीच में उपस्थित नहीं होते जिससे उनका सीधा संवाद जनता से नहीं हो पता। क्षेत्र के कृषकों का कहना है कि सक्षम अधिकारियों को उन्होंने कभी संबंधित कार्यालय में देखा ही नहीं है जिससे अपनी समस्या अधिकारियों के सामने रखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
लगभग 6 महीने पूर्व बारिश के मौसम के दौरान मटियारी डैम की मुख्य दीवार पर ऊपर की मिट्टी खिसक गई थी और बाढ़ की स्थिति में डैम की दीवार टूटने का खतरा क्षेत्र वासियों को होने लगा था। लेकिन आनन-फानन में सुधार कार्य करवा कर डैम की दीवार को भी ठीक कराया गया है और मामला वहीं दब गया। यदि भविष्य में और भी परेशानियों का सामना होगा तो जिम्मेदारी कौन लेगा ?

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