लंबित सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों के निराकरण पर फोकस करें – श्रेयांश कूमट

समय-सीमा बैठक में प्रभारी कलेक्टर के निर्देश

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मण्डला 26 फरवरी 2024

समय-सीमा एवं विभागीय समन्वय समिति की बैठक में सीईओ जिला पंचायत एवं प्रभारी कलेक्टर श्रेयांश कूमट ने निर्देशित किया कि सभी अधिकारी सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों का निर्धारित समय सीमा में सकारात्मक रूप से निराकरण करें। 50 दिनों से अधिक समय से लंबित प्रकरणों के निराकरण पर फोकस करें। जिला योजना भवन में संपन्न हुई इस बैठक में सहायक कलेक्टर रवि कुमार सिहाग, संयुक्त कलेक्टर अरविंद सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रभारी कलेक्टर श्री कूमट ने निर्देशित किया कि सभी कार्यालय प्रमुख सीएम हेल्पलाईन तथा टीएल के प्रकरणों को व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर करते हुए उनके निराकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसी प्रकार टीएल के प्रकरणों में निर्धारित समय सीमा पर कार्यवाही करते हुए संबंधित पोर्टल पर जवाब अंकित करें।

 

प्रत्येक बैगा परिवार का फॉलोअप करें

 

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि बैगा हितग्राहियों को योजनाओं से आच्छादित करना सुनिश्चित करें। प्रत्येक बैगा परिवार का फॉलोअप करें तथा जिनको जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, ईकेवाईसी, पात्रता पर्ची, उज्ज्वला योजना आदि का लाभ नहीं मिला है उनकी सूची तैयार कर तत्काल लाभान्वित करें। सुनिश्चित करें कि कोई भी बैगा योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।

 

समग्र ईकेवाईसी के लिए शिविर लगाएं

 

राजस्व महाभियान की समीक्षा के दौरान प्रभारी कलेक्टर श्रेयांश कूमट ने निर्देशित किया कि पूर्व से लंबित तथा अभियान के दौरान चिन्हित किए गए सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरूस्तीकरण आदि के प्रकरणों का तत्काल निराकरण करते हुए उनकी आरसीएमएस पोर्टल पर एंट्री सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग आपस में समन्वय कर ईकेवाईसी का कार्य पूर्ण करें। इस संबंध में उन्होंने शिविर लगाने के भी निर्देश दिए। बैठक में श्री कूमट ने गिरदावरी की प्रगति की भी समीक्षा की।

 

मिलावट से मुक्ति अभियान को प्रभावी बनाएं

 

बैठक में प्रभारी कलेक्टर श्रेयांश कूमट ने निर्देशित किया कि जिले में मिलावट से मुक्ति अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। संबंधित अधिकारी जिले के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए खाद्य सामग्रियों के नमूनों की जांच करें। अभियान के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। मिलावट से मुक्ति अभियान को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्वयं मॉनिटर करें। उन्होंने मिलावट से मुक्ति अभियान के संबंध में जागरूकता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिए।

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