सांसद, मंत्री नियम कानून एक तरफ….पटवारी का ढाबा एक तरफ….आखिर नियम विरुद्ध कैसे चल रहा ढाबा…बिना डायवर्शन व रजिस्ट्रेशन के कैसे संचालित हो रहा ढाबा…

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मंडला सांसद फगनसिंह की नहीं सुनते सिवनी के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी….

रेवांचल टाईम्स – मण्डंला/सिवनी नियमो को ताक में रख धूमा पटवारी भाई से चलवा रहे ढ़ाबा राज्य मंत्री का लेटर पेड भी पड़ रहे फीके…
जिले के लखनादौन तहसील के धूमा में पदस्थ जबलपुर निवासी पटवारी राहुल राजपूत अधिकारियों का प्रिय होने का भरपूर फायदा उठा रहे हैं तभी तो मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्यवाही करने जारी पत्र को अधिकारियों द्धारा न ही तवज्जों दिया जा रहा है और न ही क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के द्वारा लिखित कार्रवाई पत्र को। जिन नियम कानून को अमली जामा पहनाने पटवारी की जिम्मेदारी होती है उन्ही कानून को पटवारी राजपूत द्वारा बेखौफ ढंग रौंदा जा रहा है वो इसलिए क्योंकि पटवारी पर अधिकारियों का संरक्षण जो हैl वही धूमा बाईपास मेन रोड पर पटवारी द्वारा ढाबा संचालित किये हुये है वो भी शाान से शासन के नियमो को ताक पर रख बिना डायवर्शन के ही निर्मित भवन पर ढाबा संचालन करके पटवारी जी शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैl पटवारी राहुल राजपूत को लेकर क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के द्वारा कार्रवाई पत्र के बावजूद साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्रों के बावजूद पटवारी पर कोई कार्रवाई नहीं होना स्पष्ट करता है वही अखबारों पर ढाबा को लेकर प्रसारित खबर के बाद पटवारी अब ढाबा को बड़े पिता के बेटे यानी अपने भाई का बता रहा है वही ढाबा का मालिक पूर्व राजस्व निरीक्षक रुद्री मिश्रा कोबता रहा हैं


स्वयं को बचाने पटवारी ने पूरी कहानी बना रखी है हकीकत तो यह है की ढाबा का मालिक नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव तहसील में पदस्थ एक चौबे पटवारी का है जिन्होंने बाकायदा उक्त भूमि पर बने ढाबा की भूमि पर रजिस्ट्री करा रखी है वह बात अलग है की रजिस्ट्री का नामांतरण नहीं किया गया है वही ढाबा को लेकर जब खबर प्रकाशित हो रही है प्रशासन पटवारी पर कार्रवाई इसलिए नहीं कर रहा क्योंकि अब पटवारी कह रहा है कि ढाबा उनका नहीं उनके भाई का है तो प्रशासन को ढाबा की जांच करनी चाहिए कि आखिर जिस भूमि पर ढाबा बना है तो क्या उसे भूमि का डायवर्सन नियम अनुसार कराया गया है या फिर कृषि भूमि पर ढाबा खोलकर पटवारी अपने भाई से नियम विरुद्ध तरीके से ढाबा खुलवाकर व्यापार कैसे कर रहा है मामले को दबाने पटवारी और पटवारी के साथी चमचे जितनी भी कोशिश कर ले मामला उतना ही ज्यादा उजागर होते जाएगा जिस भूमि पर ढाबा संचालित हो रहा है ना ही उस भूमि का डायवर्सन कराया गया है और नाही संचालित ढाबा का रजिस्ट्रेशन कराया गया है यानी कि नियम विरुद्ध तरीके से ढाबा का संचालन किया जा रहा है और स्वयं धूमा के पटवारी होने का फायदा उठाकर पटवारी अपने भाई का ढाबा बढ़कर उस नियम विरुद्ध तरीके से ढाबा संचालक कराए हुए हैं l


इसका सीधा-सीधा मतलब यह हुआ कि यदि आप राजस्व विभाग के कर्मचारी हैं या तो कर्मचारी के रिश्तेदार हैं तो आप नियम विरुद्ध तरीके से किसी भी भूमि का डायवर्सन कराए बगैर व्यापार कर सकते या बिना रजिस्ट्रेशन के दुकान खोल कर चला सकते हैं l वैसे भी कहावत है “सैया भये कोतवाल तो अब डर काय का ”
धूमा पटवारी अपने को पूरी गणित लगा चुके हैं और ढाबा को भाई का बता चुके हैं तो करवाई तो होगी ढाबा चाहे पटवारी का हो भाई का हो या फिर किसी का भी हो यदि ढाबा नियम विरुद्ध तरीके से चल रहा है तो ढाबे पर कार्रवाई होना लाजमी है साथ ही धूम पटवारी होने के साथ-साथ क्या धूम पटवारी की जिम्मेदारी नहीं थी की ऐसी कौन-कौन से ढाबे हैं जो नियम विरुद्ध तरीके से बिना डायवर्शन की संचालित हो रहे हैं उन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी किसकी थी इसका मतलब पटवारी ने पद का दुरुपयोग कर बिना डायवर्शन की भूमि पर संचालित ढाबा अपने भाई से ही संचालित कर रहा थाl यह कहकर अपने आप को यह कहकर बचाना की ढाबा धूमा पटवारी नहीं पटवारी का भाई संचालन किए हुए हैl समझ से परे हैं बहरहाल इस पूरे मामले पर प्रशासन को गंभीरता दिखानी होगी भले ही लालटेन में मिट्टी तेल कम रहा होगा तभी रोशनी पूरी और सच्ची नहीं थी l

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