चांर वर्षो से अधर में लटकी तीन करोड़ की नल-जल योजना ,पानी के लिए ग्रामीण परेशान..

52

रेवांचल टाईम्स – इन दिनो बजाग तहसील मुख्यालय में भीषण जलसंकट के हालात बने हुए हैं। बजाग तहसील मुख्यालय में संचालित पुरानी नलजल योजना पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ी हुई है जिसके कारण यहां के रहवासियों को पेयजल के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बजाग तहसील के एक मोहल्ले में तो लोग बावली का दूषित पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। वर्ष 2020 में बजाग तहसील मुख्यालय से लगे तीन ग्रामपंचायतों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने पीएचई विभाग द्वारा साढ़े तीन करोड़ रूपये की लागत से नलजल योजना का काम शुरू किया गया था जो चार साल गुजर जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। नलजल योजना के नामपर एक बड़ा गड्ढा,फ़िल्टर का ढांचा एवं संपवेल का निर्माण किया गया था जो अब कबाड़ में तब्दील होते जा रहा है। आरोप है की पीएचई विभाग के अधिकारीयों द्वारा इस नलजल योजना में मनमानी की गई जिसके कारण ठेकेदार काम छोड़कर भाग गया जिसका खामियाजा स्थानीय रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं शहपुरा विधानसभा छेत्र के मेंहदवानी सहित 20 गांव जलसंकट से जूझ रहे हैं ग्रामीणों को मीलों दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है जिले में व्याप्त भीषण जलसंकट को देखते हुए ।कलेक्टर विकास मिश्रा खुद गाँव गाँव का दौरा कर रहे हैं तो वहीं जल ही जीवन है का नारा अलापने वाले पीएचई विभाग के अधिकारी बंद कमरों में AC का लुत्फ़ उठाते हुए नजर आ रहे हैं। कलेक्टर विकास मिश्रा ने डिंडौरी जिले में स्वीकृत जल जीवन मिशन के तहत नलजल योजना में गड़बड़ी एवं लेटलतीफी करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड करने की बात कही है साथ ही भीषण जलसंकट वाले ग्रामों में टैंकर के माध्यम से पानी का परिवहन कराने का आश्वासन भी दिया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.