रेवांचल की ख़बर का हुआ असर.. शासन के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां, 3 बच्चों के पिता कर रहा सरकारी नौकरी में सहायक आयुक्त ने लिया मामले को संज्ञान में कहा होगी…

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला जिले में शिक्षा विभाग के साथ साथ अन्य विभागों में भी लोक सेवा अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है और इसी के साथ विभाग में अपनी संताने की जानकारी छुपाई जा रही हैं जबकि सरकार के द्वारा 26 जनवरी 2001 को लोक सेवा अधिनियम पारित किया था जिसमे यह स्पस्ट आदेश किया था कि किसी भी लोक सेवक की आदेश पारित होने के पश्चात जीवित तीसरी संतान नही होनी चाहिए बावजूद इसके लगातार शासकीय अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा इस अधिनियम को ताक में रख कर अपने वरिष्ठ कार्यालय को भ्रामक एव झूठी जानकारी दी जा रही हैं।

अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त शिकायत में नही की जा रही है कार्यवाही

वही मंडला जिले लोक सेवा अधिनियम को ताक में रखकर अधिकांश अधिकारी कर्मचारियों ने कार्यालयों में केवल दो ही संतान की जानकारी दी जा रही जबकि वास्तविक में दो से अधिक तीन औऱ किसी किसी तो चार से पांच पांच तक संताने है पर कार्यालय में केवल दो ही जानकारी देकर अधिकारियों को गुमराह कर रहें है। और इनकी शिकायते होने के बाद भी कार्यालय में बैठे बरिस्ट अधिकारी प्राप्त शिकायत में कार्यवाही न करते हुए बल्कि जांच का हवाला देते हुए इन्हें संरक्षण देते है और अपने वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण इन्हें अधिनियम नियम से कोई भय नही है।

दो से अधिक संतान वाले मामले में उच्च न्यायालय और निचली कोर्ट भी सुना चुकी है फ़ैसला

वही जानकारी के अनुसार लोक सेवा अधिनियम पारित होने के पश्चात जो अपने बच्चों की जानकारी विभाग से छिपा कर सही जानकारी नही दी गई इसको लेकर पूर्व में जबलपुर हाई कोर्ट में भी कैस चला उसमे भी माननीय न्यायालय ने अधिनियम का हवाला देते हुये हुई शिकायत में कार्यवाही करते हुए उस लोक सेवक को झूठी जानकारी देने और साक्ष्य छुपाने को लेकर पद प्रथक करते हुए कार्यवाही की गई। वही इसी मामले में दमोह में भी शिकायत के बाद विभाग के द्वारा उचित कार्यवाही न होने पर शिकायत कर्ता ने माननीय न्यायालय की शरण ली दमोह न्यायालय ने भी अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए तीन संताने से अधिक लोक सेवक के ख़िलाफ़ कार्यवाही की

मंडला जिले के शिक्षा विभाग में शिक्षक दे रहे है झूठी जानकारी बच रहे

वही मंडला जिले के अधिकांश शिक्षको ने अपनी संताने की जानकारी विभाग के समक्ष झूठी दी है जबकि उनके बच्चे दो से भी अधिक जीवित अवस्था में है आज जब ज्ञान देने वाले शिक्षक ही अज्ञानता फैला रहे है और अपने विभाग को झूठी भ्रामक जानकारी देकर बच रहे है तो ऐसे शिक्षक बच्चों को कैसी शिक्षा देते होंगे ये अनुमान लगना बड़ा ही आसान है।

झूठी जानकारी देने वाले लोक सेवको पर आखिर कार कब तक कि जाऐगी कार्यवाही

वही मंडला जिले के विकास खंड से एक लोक सेवक के द्वारा विभाग के समक्ष झूठी जानकारी देते हुए अपनी दो संताने से अधिक संताने की जानकारी छुपाने का मामला सामने आया है, जहां शिक्षक ने शासन के नियमों को दरकिनार तीन बच्चों के पिता होने के बाद भी बड़े आराम से सरकारी नौकरी कर रहे है। औऱ उन्हें अधिनियम की जानकारी होने के बाद भी आज धड़ल्ले से नोकरी कर रहा हैं और उसे न अधिनियम का भय है और न ही कार्यवाही का

मामला मवई विकास खंड का सामने आया जहाँ एक शिक्षक जो लूरी प्राथमिक शाला में पदस्थ है, जिनकी तीन संतान है लेकिन विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं और शिक्षक मजे से अपनी नौकरी कर रहे है, जब रेवांचल की टीम ने शिक्षक से पूछा तो उनका कहना था कि हम प्राथमिक शिक्षक हैं और हम इस दायरे में नहीं आते है।

सहायक आयुक्त ने जारी की नोटिश दिया कार्यवाही का अस्वाशन

वही जब इस मामले की जानकारी सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के मुखिया लाल शाह जागेत से ली तो उनका कहना है की 2001 के बाद अगर कोई शासकीय कर्मचारी की तीसरी संतान होती है, या फिर जिसकी तीन संतान से अधिक है और वो गलत जानकारी देकर नौकरी करता है तो वह गलत है औऱ उस अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही निश्चित होना चाहिए। औऱ सहायक आयुक्त कार्यालय ने एक नोटिस जारी की गई है जिसमे सभी विकास खंडों में ऐसे सभी शिक्षकों की जानकारी की माँग करते हुए कार्यवाही का अस्वाशन दिया गया हैं।

फिलहाल देखना होगा की शासन औऱ लोक सेवा अधिनियम की धज्जियां उड़ाने औऱ नियमों की अवहेलना करने वाले शिक्षक पर प्रशासन केवल जानकारी ही लेगा या फिर लोक सेवक को सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उलंघन करने पर एक्शन लिया जायेगा है या नहीं। या फ़िर केवल नोटिश देकर कागज़ों का पेट भरकर हुई शिकायत को धूल खाने छोड़ दिया जायेगा।

 

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