पुजारी ने दलित वर्ग पर मंदिर में जाने से लगाई रोक
सदियां बीत गई संविधान में अधिकार भी मिला लेकिन हकीकत वहीं है दलितों को आज भी समान अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है देश के स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो चुके हैं वहीं दलित आज भी स्वतंत्र नहीं है। कहने को तो हम 21वीं सदी में प्रवेश कर गए हैं लेकिन एक ओर जहां संत और पुजारी लोगों को अहिंसा एकता और समानता की राह पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं वहीं ये पुजारी दलित वर्ग के लोगों को मंदिर में जाने से रोक रहे हैं
जबलपुर के आधारताल थाना क्षेत्र से सामने आया है जहां विवेक कॉलोनी में सार्वजनिक मंदिर में दलित समाज के लोगों के प्रवेश पर पुजारी सहित कुछ लोगों ने रोक लगा दी इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद कीस्थिति बन गई इस घटना से जुड़ा है एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें साफ नजर आ रहा है कि पुजारी द्वारा किस तरह एक भक्त को मंदिर जाने से रोका जा रहा है
थाने पहुंची एक पक्ष की महिला कल्पना चौधरी ने आरोप लगाया कि पुजारी तथा अन्य लोगों द्वारा सार्वजनिक मंदिर में प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है और विरोध करने पर जातिगत रूप से अपमानित किया जाता है। इतना ही नहीं उनके बच्चों को भी मंदिर जाने पर धमकाया जाता है
देश में आय दिन ऐसे मामले देखने को मिलते हैं यह मामला जबलपुर शहर का है चिंता का विषय तो यह है जब शहर में ऐसे हालात हैं तो गांव में कैसी स्थिति होगी।