हाथों में तिरंगा लेकर उफनती नदी में उतरे तैराक

देशभक्ति के नारों से गूंज उठा माहौल

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जबलपुर। पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का उत्सव पूरे जोरशोर से मनाया जा रहा है, लोग अपने-अपने तरीके से आजादी का महोत्सव सेलिब्रेट करने की तैयारी कर रहे हैं। शहर में भी अनोखे तरीके से तिरंगा यात्रा निकालकर आजादी की लड़ाई में जान की कुर्बानी देने वाले शहीदों को याद किया गया। बुधवार को नर्मदा की तेज लहरों के बीच सैकड़ों तैराकों ने अपने-अपने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर दस किलोमीटर का सफर तैरकर पूरा किया। बीते 10 सालों से स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व नर्मदा में तिरंगा यात्रा निकाली जाती है, यह तिरंगा यात्रा बेहद खास होती है। इसमें नर्मदा की तेज लहरों के बीच सैकड़ों तैराक अपने-अपने हाथों में झंडा लेकर पांच किलोमीटर का सफर तैरकर पूरा करते हैं। यात्रा के दौरान तैराकों का जोश देखते ही बनता है, इस तैराकी के समय पूरा वातावरण देशभक्ति के जोश में शराबोर हो जाता है।
दस साल से जारी है तिरंंगा यात्रा
एक दशक पुरानी इस परंपरा के तहत बुधवार सुबह मां नर्मदा के जिलहरीघाट से तिलवारा घाट तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। उफनती नर्मदा नदी में निकली तिरंगा यात्रा सुबह 10 बजे तिलवाराघाट में खत्म हुई। यात्रा के दौरान लोग अपने-अपने हाथों में तिरंगा लिए तेजी से मंजिल की तरफ बढ़ रहें थे। इस यात्रा में बड़े, बुजुर्ग बच्चे यानी सभी वर्ग के लोग शामिल थे यात्रा के दौरान तैराक अमर शहीदों के जयकारे भी लगा रहे थे। यात्रा संयोजक संजय यादव के मुताबिक 14 अगस्त को हर साल की भांति इस साल भी नर्मदा में तिरंगा यात्रा निकाली गई। बच्चों से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं भी इस नर्मदा तिरंगा यात्रा में शामिल होकर भारत की एकता और अखंडता का संदेश दिया। नर्मदा की खतरनाक लहरों से बेपरवाह होकर आजादी के जुनून में लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं।
15 लोगों से शुरू हुई थी यात्रा
आयोजन संजय यादव ने बताया कि 15 साल पहले महज चंद लोगो द्वारा शुरू हुई इस अखंड भारत यात्रा का कारंवा साल दर साल बढ़ते जा रहा है। नर्मदा में उफान मारती लहरों के बावजूद खतरे की चिंता किए बगैर सभी ने अखण्ड भारत यात्रा मे शामिल होकर अपनी देश भक्ति का परिचय दिया है। ये कारवां ऐसे ही बढ़ता रहेगा औंर हर युवाओं में देश भक्ति का जज्बा पैदा करता रहेगा।

 

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