रेवांचल टाईम्स – कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग आरबी गोयल ने बताया कि जिले में कोई अवैध संचालित बाल गृह व छात्रावास का संचालन किया जा रहा हो तो किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 41 के प्रावधानों के तहत 0-18 वर्ष की आयु के देखरेख और संरक्षण के जरूरमंद बालकों यथा अनाथ, बेसहारा, परित्यक्त, घर से भागे हुये, बाल भिक्षुक, बाल तस्करी में लिप्त शोषण का शिकार और सड़क पर रहने वाले बच्चों को संरक्षण प्रदान वाली समस्त अशासकीय संस्थाओं का किशोर न्याय अधिनियम की 41 के तहत पंजीयन किया जाना अनिवार्य है। यदि कोई संस्था किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीकरण नही करवाती है तो उसके विरूद्व किशोर न्याय अधिनियम की 42 के तहत कार्यवाही की जावेगी।
उन्होंने बताया कि ऐसी कोई संस्था जिले में संचालित हो तो महिला बाल विकास विभाग गुना को अवगत कराने का कष्ट करें।