नर्मदा धाम अवैध कॉलोनी के नियमितीकरण नहीं
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को विवश कालोनिवासी
प्रशासनिक अधिकारियो कि हठधार्मिता से निजी भूमि मे जेसीबी चलाई जा रही है न्यायालय कि शरण लूंगा –कालोनी नाइजर पुरषोत्तम
दैनिक रेवांचल टाइम्स – बड़वाह — इंदौर इच्छापुर हाइवे शहर से दो किमी दूर नर्मदा रोड स्थित ग्राम पंचायत रूपाबेडी के अंतर्गत टोकी क्षेत्र मे बनी नर्मदा धाम कालोनी में मूलभूत सुविधायें नदारद रहने से ग्रामीण आज भी नारकीय जीवन जीने के लिए विवश हैं। सरकारें आती गयी विकास का धारा कागजों में बहाती गई परन्तु धरातल पर स्थिति आज भी आदिम युग वाली है।सुविधाओं का आज भी टोटा नजर आ रहा है।
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को विवश कालोनिवासी
कालोनिवासी जितेंद्र सेते संदीप दुबे रमेशचंद अत्रे राधेश्याम मंडलोई उमा कांत जोशी सेवकराम वर्मा बलराम ने कहा कि ना तो पीने को शुद्ध पानी है और ना ही सड़क बिजली बगीचे ड्रीनेज़ नालिया कि सुविधा है! आज देश सुपर पावर बनने की राह पर है परंतु जमीनी हकीकत देखी जाये तो बिजली से भी अभी कोसो दूर है।35वर्षो के बाद भी आवागमन के लिए सड़क का निर्माण कराए जाने की मांग करते रहे हैं। सड़क निर्माण न कराए जाने से वहाँ के रहवासियों में खासी नाराजगी व्याप्त है। यह सड़क आगामी लोक सभा चुनाव में जन प्रतिनिधियों के लिए मुसीबत बन सकती है। ग्रामीण इसे इस बार चुनावी मुद्दा भी बना रहे!
उद्योग विभाग व कालोनी के गंदे पानी कि निकासी को कालोनीनाइजर के द्वारा वर्षो पुराने नाला को बंद को पुन प्रशासिक अधिकारियो ने खुलवाया
शिकायत कर्ता उद्योगपति मनोज गुप्ता व्यवसायी नितेश शुक्ला ने बताया कि सी.एम. हेल्प लाईन-एवं अनुविभागीय अधिकारियो को बार बार नर्मदा धाम के कालोनी नाइजर के द्वारा उद्योग विभाग एवं कालोनी वासियो के घरो व फैक्ट्री से निकलने वाला गंदा पानी जोकि कई वर्षो से हाइवे कि मुख्य सडक के निचे बना नाला को कुछ माह पूर्व कालोनी नाइजर पुरषोत्तम साहू के द्वारा मिट्टी बंडा डालकर बंद करवा दिया था जिसको को लेकर प्रशासनिक स्तर पर शिकायत करने के बावजूद बुधवार को तहसीलदार शिवराम कनासे के द्वारा पटवाऱी पुलिस कर्मी राजस्व अधिकारी कि मौजूदगी मे जेसीबी मशीन से बंद पड़े नाले कि मिट्टी को हटाया गया!राजस्व के द्वारा शासकीय दास्तावेजो कि जांच कर सबंधित के खिलाफ उचित कार्यवाही कि जावेगी|
प्रशासनिक अधिकारियो कि हठधार्मिता से निजी भूमि मे जेसीबी चलाई जा रही है न्यायालय कि शरण लूंगा
पुरषोत्तम साहू सुनील पारख ने कहाकि आज से 35 वर्ष पूर्व हमारे द्वारा 10 एकड़ कि कालोनी मे परिवर्तित डायवेशन के अंतर्गत डब्लू बीसी सड़क नाली पेयजल बगीचे कि भूमि कि व्यवस्था कि गई थी|हमारे द्वारा 7 रूपये स्क्वेयर फिट में प्लाटधारको को बेचे गए थे|आज कालोनी में प्लाट के भाव एक हजार गुना बढ़ गया है|हमारे द्वारा पूर्व में प्लाट बेच दिए गये थे|गुरुवार को मेरी निजी भूमि के पास पुलिया बनी होने के कारण कई वर्षो से पानी जाता था|किन्तु मेरे द्वारा भूमि पर मिटटी भरवाई गई थी|जिसको लेकर आसपास के नागरिको के द्वारा सी.एम. हेल्प लाईन-एवं अनुविभागीय अधिकारियो को शिकायत कि गई थी|जिसके बाद अधिकारियो के द्वारा मौके स्थल पर नाला नही होने के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारियो कि हठधार्मिता से निजी भूमि मे जेसीबी चलाई जा रही है आगामी दिनों में न्यायालय कि शरण लूंगा|
कालोनी हमें हैंडओवर नहीं की गई।
सरपंच प्रतिनिधि जगदीश पटेल ने स्पष्ठ करते हुए बताया कि कालोनी हमें हैंडओवर नहीं की गई।शिकायत के बाद तहसीलदार कनासे से आरआई गणेश मौरे के साथ पटवारी को कालोनी में जांच भी करने भेज दिया।
छ: माह से लड़ रहे थे लड़ाई
शिकायतकर्ता नितेश शुक्ला ने बताया कि मनमाने ढंग से नाले के दुसरे छोर को अक्टुबर माह में बंद कर दिया गया था। तब से ही सीएम हेल्पलाईन पर शिकायत करने के साथ ही बार-बार प्रशासन को भी अवगत कराया गया लेकिन हमारी एक नहीं सुनी गई। गर्मी के दिनों में तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं रहती है लेकिन बरसात के दिनों में ओद्योगिक क्षेत्र में उद्योग संचालित कर रहे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। प्रशासन द्वारा अभी भी प्राथमिक तौर पर ही हल निकाला है, इसका पुरा समाधान किया जाना चाहिए ताकि उद्योग धंधा संचालित करने वालों को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
शिकायतों के बाद इसे खुलवाया गया।
नर्मदा रोड़ पर एक पुलिया के नीचे बने नाले के पानी को कुछ लोगों द्वारा रोक दिया गया था।वहीं पंचायत के लोगों ने भी बताया कि कई सालों से यहां नाला था। मामले में ओद्योगिक क्षेत्र के लोगों द्वारा भी शिकायत मिली थी।शिकायत मिलने के बाद संबंधित व्यक्ति को नोटिस भी दिया गया उसके बावजुद नाले को उसके द्वारा बंद करने का प्रयास किया जा रहा था।शिकायतों के बाद इसे खुलवाया गया। वहीं कालोनी के रहवासियों द्वारा भी शिकायत की गई थी कि उन्हें काॅलोनी में मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।शिकायत के बाद कालोनी की भी जांच कराई जा रही हैं।
शिवराम कनासे, तहसीलदार