एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढऩे वाले छात्र अगर चोरी करने लगें तो इसे कहीं न कहीं शिक्षकों और व्यवस्था की बड़ी चूक ही कहा जाएगा। ऐसा ही एक मामला सिझोरा स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढऩे वाले छात्रों का सामने आया है। यहां पढ़ते-पढ़ते छात्रों ने कब चोरी की ट्रेनिंग ले ली, पता ही नहीं चला। सनसनीखेज खुलासा तो तब हुआ जब छात्र चोरी के मोबाइल में सिम डलवाने चोरी किये गए दुकान के सामने ही गोहिया मोबाइल की दुकान पहुंचे। जैसे ही सिम एक्टिवेट हुई, वैसे ही पुलिस के हाथ इनके गिरेबान तक पहुंच गए। सरकार का उद्देश्य है कि मंडला जिला बैगा आदिवासी बाहुल्य जिला है और पिछड़ेपन के कारण सरकार इन स्कूलों में विशेष सुविधाएं के साथ साथ छात्रवृत्ति और विशेष ध्यान देती है पर अगर इन विद्यालयों में पढऩे वाले छात्र पढ़ाई न करते हुए अधीक्षक की अनुमति या बिना अनुमति से रात को जानबूझकर या बिना बातए परिसर से बाहर जा रहे है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? और ये बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे है और अगर जाने अनजाने में इन्ही छात्रों के साथ कुछ अप्रिय घटना होती है तो इसका जिम्मेदार होगा कौन क्यों इनके पालक तो इन्हें अच्छी शिक्षा और पढने लिखने और अपना भविष्य सवारने के लिए सरकारी स्कूल एकलव्य विद्यालय में प्राचार्य और छात्रावास अधीक्षक के भरोसे छोड़ दिये है और गैरजिम्मेदाराना तरीके से प्रचार्य और अधीक्षक चैन से अपने अपने कमरे में आराम फरमा रहें है।
रेवांचल टाईम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में सरकारी शिक्षा स्कूल छात्रावास एक व्यापार बन चुका है और उनमें जिसमे घोर लापरवाही बरती जा रही है। जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र छात्रायें भी स्कूल से पढ़ाई के बाद अपने अपने घर चले जाते है, और वहीं सरकारी स्कूल में परिसर में ही संचालित छात्रावास के अधीक्षक गायब रहते हैं और केवल सुबह शाम आकर विद्यालय परिसर के छात्रावास में बच्चों को देख रेख किया जाता है, वहीं रात में कौन छात्र क्या कर रहा है, कहां जा रहा है, परिसर में है, या फिर नहीं, ये देखने वाला कोई नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड भुआ बिछिया के अंतर्गत ग्राम सिझोरा एकलव्य आवासीय विद्यालय सिझोरा में सालों से संचालित है और इस विद्यालय में मेधावी छात्रों को ही प्रवेश मिलता है। परीक्षा में अच्छे अंकों के बाद उन्हें प्रवेश दिया जाता है। पूरे जिले में केवल दो एकलव्य आवासीय विद्यालय संचलित हैं।
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो से हुआ खुलासा
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ है। जहाँ पर सिझोरा के एकलव्य आवसीय परिसर में रह कर पढऩे वाले कुछ छात्र सिझोरा हाईवे तीस के किनारे घूमते सी सी टी वी कैमरे में कैद हुए है। जो आधी रात को घूम रहे थे। उनका उद्देश्य क्या था वह आधी रात को विद्यालय से कैसे बाहर आये, किससेे अनुमति ली।
चोरी में नाम आया हॉस्टल के आठ छात्रों का
वही सूत्रों की मानें तो छात्रावास में जो रह है और चोरी की घटना में शमिल लगभग छात्रों की संख्या 8 बताई जा रही है। हॉस्टल के दो छात्र सिझोरा स्थित दाहिया मोबाइल की दुकान में चोरी करते पकड़ाए हैं। सी सी टी वी कैमरे में कैद हुए घटना से उनके नाम पता चल गया पर वह नाबालिक होने के कारण रेवांचल टाईम्स की टीम उनका नाम का खुलासा नहीं कि है। क्योंकि वह वतर्मान में एकलव्य विद्यालय में अध्ययनरत भी है वही जानकारी के मुताबिक 13 फरवरी की रात लगभग 2 बजे के आसपास मोबाइल दुकान में घुस कर लगभग 10 एंड्रॉयड मोबाइल चुरा लिए। यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
सिम एक्टिवेट हुई और पकड़े गए
चोरों की पहचान करने फुटैज को स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया में वायरल किया गया पर वह नहीं पकड़े जा सके। तीसरे चौथे दिन छात्रों ने चोरी किये गए मोबाइल के लिए दाहिया मोबाइल दुकान के सामने ही गोखले मोबाइल दुकान में जाकर चोरी के मोबाइल के लिए सिम लेने जा पहुँचे और जैसे ही चोरी के मोबाइल में सिम चालू किये वैसे ही आईएमईआई के नम्बर के द्वारा साइबर पुलिस के द्वारा धर दबोचे गए। पकड़े उन छात्रों से पुलिस ने पूछताछ की तो उनके द्वारा अपने 6 अन्य और साथियों के नाम बताया गया और जैसे ही मामला सुर्खियों बना तो एकलव्य विद्यालय के अधीक्षक सतीश मर्सकोले और प्राचार्य आतमजीत सिंह अहलूवालिया चोरी के मामले को दबाने में लग गए। वही जब इस पूरी घटना क्रम के बारे में एकलव्य छात्रावास के अधीक्षक से रेवांचल टाईम्स की टीम ने वायरल सोशल मीडिया से प्राप्त सी सी टी वी कैमरे के फोटेज के बारे में जनना चाहा तो न तो मोबाईल अटेंड किये और न ही वह मिलने के लिए सामने आये इस लिए उनका पक्ष इस घटना नहीं रख सकें।
शिकायत वापस लेने जोर आजमाइश कर रहे
वही दाहिया मोबाइल के संचालक मोनू ने थाना बिछिया को सूचना दी और छात्रावास परिसर में पुलिस पहुँची भी पर सालों से अपने पद पर आसीन प्राचार्य कम खण्ड शिक्षा अधिकारी आत्मजीत सिंह अहलूवालिया ने मोबाइल संचालक से अपनी शिकायत वापस लेने को लेकर पूरा जोर आजमाइश की और मोबाइल दुकान संचालक की हुई क्षतिपूर्ति करते पूरे मामले को दबाने ओर अपनी छवि बचाते हुए सूचना पर छात्रावास परीसर में पहुँची बिछिया थाना की पुलिस से भी साठगाँठ की गई जिस कारण से पूरा मामला प्रकाश में नहीं आ सका।
पर सवाल यह उठता है कि गरीबों के बच्चे अच्छी शिक्षा के लिए छात्रवास में रहकर पढ़ रहे हैं और ऐसे आपराधिक कृत्य करने लगें तो छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे दूसरे छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आये दिन सिझोरा में संचालित एकलव्य स्कूल सुर्ख़ियों में बना रहता है कभी निर्माण कार्यों को लेकर तो कभी स्कूल और छात्रावास की खरीदी को लेकर तो शिक्षा व्यवस्था को लेकर तत्कालीन सहायक आयुक्त सन्तोष शुक्ला के समय भी ऐसे अनेक कार्य हुए है जो जांच का विषय है।
वही दूसरी ओर सालों से एक जगह में विकास खण्ड में पदस्थ है कभी खण्ड शिक्षा अधिकारी तो प्राचार्य के पद पर आतमजीत सिह अहलूवालिया बने हुए और इनके कार्यकाल के समय जांच भी हुई पर केवल कागजो तक सीमित हो कर रह गई। आज प्राचार्य आतमजीत सिंह अहलूवालिया के पास एकलव्य आवासीय विद्यालय सिझौरा के साथ बालिका परिसर पडरिया बिछिया एवं नार्मल हायर सेकेण्डरी स्कूल सिझौरा का प्रभार भी है इस तरह से इनके पास दो विशिष्ट विद्यालय के अलावा एक सामान्य हायर सेकेण्डरी स्कूल का प्रभार भी है कुल मिलाकर ये तीन विद्यालय के प्रभारी है।
इनका कहना है….
मेरी मोबाईल की दुकान में रात को कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा मोबाईल की चोरी की गई थी जिसकी लिखित आवेदन हमने बिछिया थाने में दे दी और चोरी के पांच दिनों के बाद मोबाईल मिल गए हमारा जो जो समान गया था वह मिल गया तो हमने की शिकायत आपसी राजीनामा करते हुए वापस ले ली थी हमे तो सामना से मतलब है।
राज दाहिया
मोबाइल संचालक सिझोरा
दुकानदार के द्वारा आवेदन दिया गया था तीन बच्चों से तीन मोबाइल मिले थे जो हमारे द्वारा वापस कर दिया गया नाबालिग होने के कारण फरियादी का कहना था कि पढ़ने वाले बच्चे है इनका भविष्य खराब हो जाएगा और आपसी सहमति से शिकायत शिकायतकर्ता ने वापस ले ली इसलिए एफ आई आर नही की।
धमेंद्र सिंह धुर्वे
थाना प्रभारी भुआ बिछिया
वही जब रेवांचल की टीम ने एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य आतमजीत सिंह अहलूवालिया से छात्रों के बीते दिनों में मोबाईल दुकान में कि चोरी के सम्बंध में उनसे उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने ने न नुकुर करते हुए पूरे मामले को झूठा व अफवाह बतलाते हुए, हुई घटना से अपना पलड़ा झाड़ लिया, इससे पता चलता है कि आवसीय परिसर में अध्ययनरत बच्चों के भविष्य के प्रति अधीक्षक एव प्राचार्य कितने सजग और सतर्क है।
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