सनातन धर्म में सोमवार का दिन देवो के देव महादेव को समर्पित है और इस दिन विधि-विधान से भोलेनाथ का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि यदि भोलेनाथ अपने भक्त से प्रसन्न हो जाएं तो उसके जीवन में आ रहे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान को प्रसन्न करना बेहद ही सरल है और इसके लिए लोग सोमवार के दिन व्रत रखते हैं. साथ ही शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यदि कोई व्यक्ति कर्ज में डूबा हुआ है और बहुत मेहनत के बाद भी छुटकारा नहीं मिल रहा तो शिव पुराण में बताए गए कुछ उपाय आपका जीवन बदल सकते हैं.
कर्ज से छुटकारा दिलाएंगे ये उपाय
- शिव पुराण के अनुसार अगर कोई व्यक्ति कर्ज से घिरा हुआ है तो धन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहा है तो उसे सोमवार के दिन शिवजी के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए. यह उपाय सोमवार को ही नहीं, बल्कि रोजाना किया जाए तो अधिक फलदायी साबित होता है. शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय उसमें कुछ दाने चावल के अवश्य मिला लें. ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलेगी और धन प्राप्ति के नए रास्ते खुलेंगे.
- यदि जीवन में समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही तो भगवान शिव की अराधना करें और सोमवार के दिन शिवजी के मंदिर में जाकर काले तिल से उनका अभिषेक करें. शिव पुराण के अनुसार यह उपाय अपनाने से पाप मिट जाते हैं और जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.
- मनुष्य सुख-समृद्धि पाने के लिए दिन-रात मेहनत करता है ताकि परिवार को सभी भौतिक सुविधाओं का लाभ दे सके. ऐसे में मेहनत के साथ भगवान शिव की कृपा बने रहना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए सोमवार के दिन भगवान शिव को जल में जौ मिलाकर अर्पित करना चाहिए. शिव पुराण के अनुसार भोलेनाथ को गेंहू से बने पकवान भी बहुत पसंद हैं और यदि सोमवार के दिन उन्हें इसका भोग लगाया जाए तो वह प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
- शिव पुराण के अनुसार रोजाना रात को 11 बजे से लेकर 12 बजे के बीच शिवलिंग के समाने घी का एक दीपक जरूर जलाना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में धन, दौलत, सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव अपने भक्तों के जीवन में आ रहे अंधकारों को दूर करते हैं.
- किसी मनोकामना पूर्ति के लिए पांच सोमवार तक पशुपतिनाथ का व्रत करें. शिव पुराण के अनुसार यह व्रत भोलेनाथ को समर्पित है और इसे प्रदोष व्रत की तरह ही रखा जाता है. इस व्रत को बहुत ही फलदायी माना गया है और कहते हैं कि इसे रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही संतान प्राप्ति के भी संयोग बनते हैं.