कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक…

 

रेवांचल टाईम्स – कलेक्टर विकास मिश्रा ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि विभाग की बैठक आयोजित की। जिसमें कृषि विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की। जिसमें कृषि उपसंचालक अधिकारी ने कृषि विभाग के अंतर्गत योजना के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि जिले में नवीन तकनीक के कृषि यंत्रों के प्रोत्साहन हेतु सभी प्रकार के कृषि यंत्रों एवं सिंचाई उपकरणों पर अनुदान का लाभ ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। ग्राम स्तर पर कृषि यंत्रों की उपलब्धता बढाने एवं नवीन तकनीक के कृषि यंत्रों के प्रोत्साहन हेतु निजी कस्टम हायरिंग स्थापित करने हेतु 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रूपये का भुगतान दिया जाता है। यंत्रों कि सुगम उपलब्धता एवं निम्न दर पर किराये पर यंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु शासकीय कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना तथा नवीन कृषि यंत्रों के प्रोत्साहन हेतु प्रतिवर्ष यंत्रदूत ग्रामों का चयन प्रदर्शन, प्रशिक्षण, भ्रमण तथा संगोष्ठि कृषकों को लाभांवित किया जाता है।
कृषि विभाग के द्वारा जिले में म.प्र. शासन के द्वारा कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई- नई तकनीकी कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्र जीरो टिल सीड ड्रिल, स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर,थ्रेडर, रीपर कम बाइंडर, बेलर, स्ट्रा रेक, रीपर कम बाइन्डर, हैम्पी सीडर, स्ट्रा रीपर (भूसा कटाई यंत्र), रोटा वेटर, मोबाइल श्रेडर एवं क्रॉप मल्चर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल, रेज्उबेड प्लान्टर, रिवर्सिवल प्लाऊ, स्वचलित राईस ट्रान्सप्लान्टर, पावर टिलर, बहु फसली गहाई यंत्र, लेजर लेवलर आदि कृषि यंत्र खरीदने पर कृषि विभाग से मिलने वाली अनुदान के बारे में चर्चा की ।
नरवाई जलाने के हानिकारक प्रभाव
किसानों के द्वारा किसानों के द्वारा फसलों की कटाई के उपरांत खेतों में आग लगाने को रोकने के उद्देश्य से खेतों में फसलों के अवशेष जलाने से मिट्टी में मौजूदा मित्र कीट पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं, लाभदायक बैक्टीरिया एवं सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाने की वजह से भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म होने लगती है, जिससे फसल का उत्पादन कम होता है। नरवाई को किसान खेत में उपयोग करें जिससे देशी जैविक खाद की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
नरवाई जलाने पर सरकार द्वारा जुर्माना
नरवाई जलाने पर सरकार द्वारा जुर्माना भी लगाया जा रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के कारण फसल कटाई के बाद बची फसल यानी नरवाई को जलाना प्रतिबंधित किया गया है। नरवाई जलाने पर 15 हजार रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान है।
अंत में उपसंचालक कृषि ने बताया कि जिले के सभी कृषक ’’एमपी किसान पोर्टल’’ में पंजीयन कराएं जिससे उन्हें खरीफ में बोई जाने वाली बीजों को उपलब्ध कराया जा सके। जिन किसानों का पंजीयन न होने की स्थिति में बीज मिलना दिक्कत आ सकती है। इसलिए समस्त कृषकों को सूचित किया जाता है कि ऑनलाइन जाकर पंजीयन कराएं जिससे अनुदान सहित बीज उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी सुश्री अभिलाषा चौरसिया, नेहा धूरिया, मीना परते, चेतराम अहिरवार एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

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