जबलपुर – पाथेय साहित्य कला अकादमी द्वारा आयोजित गायत्री कथा सम्मान समारोह
समारोह की मुख्य अतिथि डॉ. स्वाति सदानंद गोडवोले पूर्व महापौर रहीं
जबलपुर डॉ. तनूजा चौधरी का समग्र लेखन सामाजिक संचेतना का प्रतीक है। उनकी कहानियॉ नई पीढ़ी के भटकाव समाज और जीवन की बिडम्वना, स्त्री अस्मिता के प्रति चिंता प्रकट करती हैं। इन विषयों को लेकर पाथेय साहित्य कला अकादमी द्वारा आयोजित गायत्री कथा सम्मान समारोह में अतिथियों ने कला वीथिका व्यक्त किए। वर्ष 2024 के गायत्री कथा सम्मान से डॉ. तनूजा चौधरी को नगद राशि अलंकरण, मानपत्र, शाल से अतिथियों सहित डॉ. भावना शुक्ल,प्रेमनारायण शुक्ल नई दिल्ली, जगदीश कन्थारिया किशनगढ़, डॉ. हर्ष तिवारी, प्रियम तिवारी ने सम्मानित किया, इस अवसर पर विविध क्षेत्रों में क्रियाशील राजेन्द्र मिश्रा, नीलेश रावल, डॉ. नीना उपाध्याय,इंजी दुर्गेश व्यौहार दर्शन, , प्रकाश उपाध्याय, रामकिशोर सोनी को उनकी बहुआयामी सेवाओं एवं उपलब्धियों के लिए गायत्री विविधा सम्मान से अलंकृत किया गया। साथ ही ब्राह्मण स्वयंवर संस्कार महासभा एवं सुप्रभातम संस्था के पदाधिकारियों को सामाजिक जागृति के लिए सम्मानित किया, राजेश पाठक प्रवीण ने सम्मानितजनों के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डाला, समारोह की मुख्य अतिथि डॉ. स्वाति सदानंद गोडवोले पूर्व महापौर रहीं। अध्यक्षता महाकवि आचार्य भगवत दुबे ने की, सारस्वत अतिथि प्रो.अलकेश चतुर्वेदी अध्यक्ष पाठ्य पुस्तक स्थाई समिति एवं डॉ. स्मृति शुक्ला प्राचार्य मानकुंवर महाविद्यालय थीं,। महाकवि आचार्य भगवत दुबे ने कहा कि सम्मान देना संस्कारधानी की गौरवशाली परम्परा है। इससे सकारात्मक कार्यों की प्रेरणा मिलती है,। संचालन राजेश पाठक प्रवीण एवं आभार डॉ. भावना शुक्ल ने व्यक्त किया