रेवांचल टाईम्स – मंडला, बरगी बांध से विस्थापित गांव टाटीघाट नारायणगंज मंडला के निवासी नवरत्न दुबे की तबियत बिगड़ने पर जबलपुर ले जाया जा रहा था।परन्तु जबलपुर पहुंचने के पहले रास्ते में ही देहांत हो गया।मंडला- जबलपुर मार्ग स्थित भावल गांव में अंतिम संस्कार किया गया। 2009 में जब चुटका परमाणु संयत्र को मंजूरी दिया गया था, तब से उन्होंने इस परियोजना के खिलाफ आसपास के दर्जनों गांव में मज़बूत संगठन तैयार किया। उन्होंने चुटका परियोजना प्रभावितों को रावतभाटा राजस्थान में निर्मित परमाणु संयत्र को देखने का प्रस्ताव देकर अंतिम फैसला लेने का अनुरोध किया।इसके बाद ही चुटका परियोजना के खिलाफ मुहिम तेज हुआ।आप तारापुर मुम्बई में बने परमाणु संयत्र से प्रभावित स्थानीय समुदाय से मिलने गए थे।संगठन में उनके महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर वे काफी लोकप्रिय थे।
चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष दादु लाल कुङापे और महिला अध्यक्ष मीरा बाई मरावी ने कहा कि यह संगठन के लिए अपूर्णीय क्षति है।चुटका के संघर्ष में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के केहर सिंह मार्को पीतम आरेवा मुन्ना बर्मन शारदा यादव हजारी झारिया देवकी बाई पुनाराम पाठक राजेश तिवारी राज कुमार सिन्हा के अलावा विवेक पवार डाक्टर दिग्विजय सिंह मरावी अशोक जंघेला राहुल श्रीवास्तव आदि ने निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त किया है।