रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में सरकारी योजनाएं शायद भ्रष्टाचार के लिए ही बनाई गई गया क्योंकि इस जिले में ऐसी कोई योजना नहीं जहाँ पर भ्रष्ट तंत्र के जिम्मेदार अपनी निगाहें न जमाये बैठे हुए है।
वही मंडला में पानी रोको नल जल ऐसे अनेकों योजनाओं के लिए जिले में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत या फिर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के माध्यम से स्टॉप डेम, तालाब, अमृत सरोबर जैसे बड़ बदर कार्य किये जा रहे है जिसमे सरकार अपनी सरकारी ख़ज़ाने का मुंह खोल कर पैसा पानी के लिये पानी के तरह बहा रही है पर सरपंच, सचिव, उपयंत्री,जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी सब की सब सरकारी ख़ज़ानों से बह रही गंगा में हाथ धोने में पीछे नज़र नही आ रहें हैं, और लोककल्याणकारी योजनाओ में विकास कर रहे है सरकार भी कह रही है सबका साथ सबका विकास लगता है, लग रहा है कि जो सरकार सरकारी ख़ज़ाने खोल रही है वह जिस कार्य के लिए पैसे दे रही है वह सही उपयोग हो रहा है या नही ये देखने वाला ही कोई नही नज़र आ रहा है शायद इसलिए सरकारी कार्य केवल नाम मात्र के लिए शुरू किए जाते है और उनके लिए स्वीकृति राशि का बंदरबांट हो जाता है या कहे कि निर्माण एजेंसियों के अधीन व्यक्ति का विकास हो जाता हैं, और सरकार जो पानी के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है उन कार्यो में एक बूंद पानी भी नही होता है, डेम है पर उनमें लगने वाले गेट नहीं होते है, स्टॉप डैम की गुणवत्ता इतनी होती है कि जहाँ पानी रुकना चाहिए उस जगह छोड़ सभी जगह पानी रुकता है,
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड नैनपुर की ग्राम पंचायत पोटिया के ग्राम खिरसारू मैं शासन द्वारा स्वीकृत राशि से चेक डेम निर्माण कार्य प्रारंभ इस्तिथि मैं है किंतु भ्रष्टाचार यही देखने को मिलता है जहा सरकारी इस्टीमेट के खिलाफ गुणवत्ता हीन बेस किया गया है। एवम कार्य मैं बिना किसी मजदूर के मशीनों के जरिए धडल्ले से कार्य किया जा रहा है, वही ग्राम वासियों की शिकायत के बाद भी पंचायत प्रशासन एवम इंजीनियर शैलेंद्र मरावी भी खामोश नजर आते है जानकारी अनुसार ग्रामीणों ने बताया की उनके द्वारा सीएम हेल्प लाइन मैं भी शिकायत की गई है किंतु अभी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई चेक डेम निर्माण कार्य की उचित जांच कर कार्यवाही करने की बात कही।