रेवांचल टाईम्स – मंडला आदिवासी जिला भी अजब गजब है जहाँ पर एक तरफ जनप्रतिनिधि जनता के पैसों को बंदरबाट कर अपनी सम्पति समझते है, और उसे जब चाहे जहा लगे ख़र्चा कर देते है और उसके बिल वाउचर बना कर लगा देते है, एक तरह जहाँ ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक उपयंत्री आपसी साठगांठ कर आधे अधूरे कार्य को पूरा बता कर सरकारी धन में होली खेल जाते है और सरकारी धन को लूट सको लूट लो कि तर्ज में कार्य तेजी से चल रहा हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक अजब मामला सामने आया है जहाँ पर जनपद पंचायत मंडला के जनपद उपाध्यक्ष और ग्राम पंचायत के जनपद सदस्य संदीप सिंगोर ने अपनी पूरी ईमानदारी से अपने जनपद क्षेत्र की जनता का ख़्याल रख रहे है और उन्हें उनकी जरूरतें के अनुसार कार्य भी करा रहे है जिसकी सराहना भी की जा रही हैं और सरकारी धन का उपयोग भी नही कर रहे हैं, ये बड़ी बात है।
वही वर्तमान में देश में लोकसभा चुनाव के चलते जिले में आदर्श आचार सहिंता लागू है जिसके चलते ग्राम पंचायतों में कोई भी नये कार्यो की स्वीकृति नही हो पा रही और जो कार्य चल भी रहे थे वह यथावत स्थिति में रुके पड़े हुए है। जिसके कारण सर मजदूर वर्ग परेशान नज़र आ रहा हैं।
वही दूसरी ओर जागरूक जनप्रतिनिधि जनपद सदस्य संदीप सिंगोर ने अपनी जनपद की ग्राम पंचायत ढेंको में जनता और आचार सहिता का ध्यान में रखते हुए स्वयं के व्यय से आवश्कता अनुसार तालाब का गहरी करण का कार्य शुरू करवा दिया और जो कार्य चल रहा है वह संदीप सिंगोर स्वयं व्यय कर रहे है। क्योंकि इन्हें पता है कि अगर सरकारी धन और स्वीकृती का इंतज़ार करते रहेंगे तो काम शुरू भी नही हो पायेगा क्योंकि अगले महीने 15 जून से बारिश शुरू हो जायेगी और फिर कार्य बारिश के कारण तालाब का गहरीकरण कार्य नहीं कि जा सकता हैं तो वह शासन की बिना मदद लिए अपने स्वयं के बल बूते पर यह कार्य प्रारंभ करा दिया जिसकी काफी सराहना की जा रही है और चर्चाएं जोरों पे चल रही है, की जनप्रतिनिधि हो तो ऐसे जो जनता का पूरा पूरा ख्याल रख कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
वहीं जनपद उपाध्यक्ष की लोग काफी सराहना कर रहे हैं। ग्राम ढेंको में तालाब गहरीकरण कार्य तेजी से चल रहा है यह कार्य खुद जनपद उपाध्यक्ष करा रहे हैं इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत से कोई राशि जारी नही हुई है और न विभाग द्वारा तालाब गहरीकरण की तकनीकी स्वीकृति, प्रसाशकीय स्वीकृति दी गई है, ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया की यह कार्य जनपद उपाध्यक्ष संदीप सिंगोर बड़े नेक आदमी है जो स्थानीय जनता की समस्याएं को देखते हुए खुद अपने स्तर से तालाब का काम अपनी रेख देख में कर रहें हैं। जनपद उपाध्यक्ष संदीप सिंगोर द्वारा किए जा रहे इस नेक कार्य की चहूं और सराहना की जा रही है आखिर ऐसी जनप्रतिनिधि भी होते हैं जो जनता के हितों के बारे में सोचते है अगर ऐसे ही दो चार जनप्रतिनिधि औऱ हो जाये तो गाँव गाँव विकास हो जाये किसी को कोई समस्याएं ही नही रहे, जो ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए उनकी जरूर का ख्याल रखते हुए पास से लाखों रुपए खर्च कर कार्य करा रहें हैं।
तो दूसरी औऱ कुछ ग्रामीण इस कार्य से न खुश भी दिखाई पड़ रहे है और उनके द्वारा यह भी बताया जा रहा कि ये सब दिखावा किया जा रहा है और इस कार्य के बिल वाउचर कब बनकर लग जाएंगे ये किसी को पता भी नही चलेगा आज कल जनता की सेवा के नाम केवल नेता लोग दिखवा करते है, मुँह में राम और बगल में छुरी रखते है जनता सब समझी है सब जानती है, आप देख लेना कि जैसे ही अचार सहिता हटाती है वैसी ही तालाब गहरीकरण की जनपद जिला से स्वीकृती मिल जाऐगी औऱ आज कल जिले में ठेकेदारी प्रथा जोरो पर है औऱ जनप्रतिनिधि स्वयं ठेकेदार बन बैठे है और इनकी हर जगह सेटिंग रहती है पहले ये वाहवाही लूटते है फिर जनता को औऱ जनता को मिलने वाले धन में उल्लू की तरह निगाहें जमाये बैठे रहते है कि कब मौका मिले और उसे झपट के अपनी जेब के अंदर करें और रही बात जो काम चल रहा है उसकी स्वीकृति आप देख लेना कि जैसे ही अचार सहिता हटती है वैसे ही अंदर अंदर स्वीकृति हो जायेगी और बिल वाउचर लग कर भुगतान भी हो जायेगा और लोग देखते ही रह जाएगे ऐसा आज कल चल रहा है कि पहले काम किया जाता है फिर बाद में काम को पास किया जाता है शासन से स्वीकृति कमीशन के चलते मिल जाती ऐसे बहुत से उदहारण है और इनका कोई कुछ नही कर सकता हैं और एभी जो तालाब की खुदाई हो रही है उसकी मिट्टी का भी पूरा उपयोग किया जा रहा हैं, औऱ एक तरफ तालाब की खुदाई दूसरी तरफ मैदान की पूराई ये कैसा काम है कुछ लोगो को समझ आ रहा है पर करे भी तो क्या, ग्राम पंचायत में दो खेल मैदानो का समतलीकरण का भी कार्य कराया जा रहा हैं, जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है मैदान समतलीकरण कार्य के लिए शासन से लगभग 9 / 9 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं और तालाब गहरीकरण कार्य से निकलने बाली मिट्टी को ही खेल मैदान में डाल कर मैदान समतलीकरण किया जा रहा है।
कहीं ऐसा तो नहीं खेल मैदान समतिलीकरण में मुरम के स्थान में तालाब की मिट्टी डालकर मुर्रम के बिल लगाकर शासकीय राशि का बंदरबाट करने योजना हो एक तरफ तालाब गहरा कर वाहवाही लूटना तो वहीं मुर्राम के स्थान पर मिट्टी डालकर भ्रष्टाचार करना जो भी हो यह जांच का विषय है। औऱ तो ही समय बतायेगा की कौन सही है और कौन गलत है, लेकिन कही न कहीं कुछ तो गड़बड़ है। जो दिखाई नही पड़ रहा हैं। पर जल्द ही पता लग जायेगा।
इनका कहना है:
अभी तो अचार सहिंता लगी हुई है नए काम कैसे चालू हो सकते हैं और जनपद या आर ई एस विभाग से कोई भी काम स्वीकृत नही हुए हैं और तालाब गहरीकरण करने के कोई भी सरकारी आदेश या दस्तावेज नही है, और न कार्य के ए, एस, टी एस पास हुए हैं, हाँ जानकारी तो है पर जनपद उपाध्यक्ष स्वंय के व्यय औऱ अपनी स्वेच्छा से कार्य करा रहे हैं। तालाब गहरीकरण में कोई सरकारी पैसा उपयोग नही किया जा रहा है बल्कि दो खेल मैदान मनरेगा मद से स्वीकृति हुई है उस पर कार्य चल रहा हैं।
उपयंत्री उइके ग्राम पंचायत ढ़ेको
खेल मैदान में तालाब की मिट्टी डाली जा रही थी, यह मुझे जैसे ही जानकारी लगीं तो तत्काल मौके जाकर काम को बंद करा दिया गया है। नियम विरुद्ध काम नही होने दिया जावेगा, और तालाब गहरी करण जनपद उपाध्यक्ष संदीप सिंगोर जो खुद कर रहे हैं, वो ही काम लेकर आए हैं, पर एभी तक कार्य की स्वीकृति नही हुई है और न ही कोई टेंडर हुए है। क्योंकि वर्तमान में आचार सहिंता लागू है।
सरपंच ग्राम पंचायत ढ़ेको मंडला