रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रष्टाचार, ग़बन और भ्रस्टाचारियो का बोलबाला है और अब तो ग्राम पंचायतों के साथ साथ जनपद स्तर तक में हुए बड़े बड़े भ्रष्टाचार खुल रहे है और जिम्मेदार अधिकारी केवल जाँच का अस्वाशन देकर अपना पलड़ा झाड़ते नज़र आ रहें हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की भुआ बिछिया जनपद पंचायत में ग्राम पंचायत से जनपद स्तर तक भ्रस्टाचार का बोलबाला बना हुआ है और अब यह भ्रस्टाचार चरमसीमा में पहुँच चुका है, और अब उल्टा ग्राम पंचायत के जागरुक सचिव रोजगार सहायक, जनपद में शिकायत कर रहे है जब ग्राम पंचायत के सचिवों को पता चल चुका है कि उनकी ग्राम पंचायत में काम हुआ ही नही है और कुशल / अर्धकुशल, मेट के नाम पर राशि आहरण कर ली गई है, वही अगर जानकारों की माने तो ये मनरेगा योजना नाम बदल कर घोटालापुर योजना रख देना चाहिए क्योंकि इस योजना अब इतना भ्रष्टाचार हो चुका है कि सारी सीमायें पर हो चुकी है। पहले ग्राम पंचायत स्तर में कार्यो में फर्जी हाजरी लगा कर राशि आहरण कर ली जाती थी पर अब जनपद स्तर में खुला ग़बन मुख्य कार्यपालन अधिकारी और लेखा अधिकारी की मिलीभगत से करोड़ो का भ्रष्टाचार कर सरकारी राशि को साफ कर दिया गया हैं, जनपद स्तर का मनेगा में खुला भ्रष्टाचार कर सरकारी राशि मे ग़बन कर लिया गया ये कोई पहला मामला नही है।
वही जैसे ही रेवांचल टाईम्स की टीम को जनपद पंचायत में मनरेगा योजना अंतर्गत कुशल/ अर्धकुशल (मेट) श्रमिकों के नाम पर पोर्टल में बिल लगाकर राशि आचरण कर ली कि जानकारी लगी जहाँ पर जनपद से लिखा अधिकारी कम्प्यूटर ऑपरेटर ने फर्जीवाड़े करते हुए, नाम ग्राम पंचायत का नाम लिख कर राशि अपने चहेतों के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई और राशि का आहरण भी हो चुका जैसे ही इस संबद्ध में जिम्मेदार जनपद भुआ बिछिया के मनरेगा शाखा के लेखा अधिकारी नरबद राजपूत से बात की तो उन्होंने पहले तो टालमटोल करते हुए रेवांचल की टीम को गुमराह करने की कोशिश की फिर वे स्वीकार करते हुए कहा कि हुआ तो है और जिस आपरेटर की गलती थी उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और आपको और जानकारी चाहिए तो आप सी ओ साब से बात कर लीजिए क्योंकि ड़ी एस सी साहब के पास ही रहती है और बिना उनके साइन के भ्रष्टाचार होना संभव तो नही है।
वही सूत्रों की माने तो जनपद पंचायत भुआ बिछिया के सीईओ विनोद मरावी जी जो कि नैनपुर जनपद में भी पदस्थ है और इनके कार्यकाल में खुला भ्रष्टाचार किया गया और ग़रीबो को मिलने वाली सरकारी राशि में गबन किया गया जिसकी शिकवा शिकायत भी हुई और उस मामले को रेवांचल की टीम ने गंभीरता से लेते हुए आये दिन ख़बरे प्रकाशित की और प्रकाशित ख़बरो जिला प्रशासन ने संज्ञान में लिया और उसमे जांच भी हुई और पूरा सच आमने आया वावजूद इसके पूरा आरोप केवल एक कम्प्यूटर ऑपरेटर के ऊपर मढ कर जिम्मेदार अपना पलड़ा झाड़ कर फाईल बन्द कर दी जबकि डी एस सी मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जिम्मेदार अधिकारी भी होता है पर ये सब बच बचा कर निकल लिए और अभी कुछ माह ही बीते है कि फिर भुआ बिछिया जनपद में मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद मरावी जी के रहते पुनः घोटाला हो गया और फिर पूरा मामला जनपद के कम्प्यूटर ऑपरेटर के ऊपर मढ़ा जा रहा, रेवांचल टीम को जानकारी लगते ही आनन फ़ानन उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया न कोई जांच और न कोई आरोप अपना पूरा छीकरा उस कंप्यूटर ऑपरेटर पर फोड़ दिया गया अब सी ओ विनोद मरावी के द्वारा जांच टीम बना कर जांच करने का राग अलापा जा रहा है कहा जा रहा कि हमने चार लोगों की जांच टीम बना दी एक सप्ताह में जांच हो जायेगी जब कुछ कहा जा सकता हैं
जनपद स्तर में बड़े घोटाला को अब जांच दल बनाकर खाना पूर्ति कर विभाग के अधिकारी भी दबा रहे है। घोटालों में कार्यवाही की जानकारी नहीं दे रहे है। और न ही इनके द्वारा सूचना के अधिकार में जानकारी की दी जाती हैं।
वही हमारे प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री कहते रह गए की भ्रष्टचार करने वालों को जेल में डालना है। मगर जनपद पंचायत नैनपुर में इतने बड़े घोटाले हुऐ और जनपद पंचायत बिछिया और नैनपुर के अधिकारियों ने घोटाला करने वाले कर्मचारियों पर आज तक कोई कार्यवाही नही हो सकी है। जिसके कारण एक कहावत सत्य होती नजर आ रही है। जब सैया हुए कोतवाल तो डर किस बात का ये कहावत जरूर है। जिला पंचायत मंडला और जनपद के अधिकारी और सीईओ साहब बताने को तैयार नहीं है। ना सूचना के अधिकार की जानकारी देने को तैयार है। जिसके कारण एक बड़ा सवाल बनाता जा रहा है।
जनपद पंचायत में भी मेट घोटाला भी दबा रहे है। अधिकारी
वही देखा जाए तो मंडला जिले की जनपदों में एक के बाद भ्रष्टाचार खुल रहे है, वही जनपद पंचायत नैनपुर में घोटालों की बाढ़ सी आ गई है। अधिकारी और कर्मचारी हर काम में सेवा शुल्क चाहिए होता है। जो कि गरीब जनता नही दे सकती है। और जनपद पंचायत में मेट घोटाला मनरेगा में घोटाला निकल के आ रहे हैं। मगर जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारी की आंखों में ऐसी महाभारत की गंधारी जैसी पट्टी बांधे हुए है, जो कि खुलेआम इन्हें घोटाला ही दिखाई नहीं दे रहा है। और कोई विभाग से जानकारी मांगता है। तो अधिकारियों का बर्ताव इतना खराब होता है। कि आमजन और जनता जानकारी मांगने से कतराती है। इससे साफ होता है कि जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी घोटालों के गढ़ में बैठकर मोटी रकम कमा रहे हैं। और गरीब जनता और आदिवासियों की हक और योजनाओं की पलिता लगा रहे हैं मगर जिला प्रशासन और राज्य शासन के अधिकारियों को शिकायत होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होना बड़ा संदेह होता है। जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी जांचों को दबाकर बैठ गए है। और जनपद पंचायत के अधिकारी और कर्मचारी मेट घोटाला भी दबा रहे है।
जिला पंचायत को शिकायत होने पर भी जनपद पंचायत बिछिया और नैनपुर के अधिकारी जानकारी नहीं दे रहे है।
वही बिछिया और नैनपुर जनपद पंचायत सीईओ अधिकारी कहते है। की मामला में कोई गड़बड़ नही हुई है। कुछ लोग मामला को हवा दे रहें है। जबकि रोजगार और सचिव ने इतना बड़ा कोई घोटाला नहीं है। वही सीईओ साहब ने खुले शब्दों में कहा की जितना बड़ा आप ख़बरों में बढ़ा चढ़ा कर प्रकाशित कर रहे विस्वनीय सूत्रों से जानकारी के अनुसार मामला को साठ गांठ करने के लिए और जिले में कोई कार्यवाही ना इसके लिए भी सीईओ साहब ने खुद ही जिले के अधिकारियों से बात की जानकारी मिली है। जिससे साफ होता है। की सीईओ जनपंद बिछिया और नैनपुर कार्यवाही की सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो आज तक कोई भी जानकारी प्रदान नही की जा रही है। जिसके कारण बड़े सवाल खड़े हो रहे है। वही मामले में बड़ा खुलासा होगा।
इनका कहना हैं…
मामला संज्ञान में आया है हमने जांच टीम बना दी है एक सप्ताह में जांच हो जायेगी तभी कुछ कहा जा सकता है, हाँ मेरे पास डी एस सी है और एक लेखा अधिकारी के पास है दोनों की डी एस सी के बैगर राशि आहरण नही किया सकता है जो भी है जांच में सब सामने आ जागेगा।
विनोद मरावी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
भुआ बिछिया मंडला
हाँ हुआ है कुछ जानकारी तो लगी है कुछ ग्राम पंचायतों में कुशल, अर्धकुशल श्रमिकों (मेट)के नाम पर राशि निकाल ली गई है आप तो सी ओ साहब से बात कर ले और आप आये जो भी बात है बैठकर करते हैं।
नरबद राजपूत
लेखा अधिकारी मनरेगा
जनपद पंचायत भुआ बिछिया
हमारी ग्राम पंचायत सिझोरा में भी मेट घुटाला होने की जानकारी लगी तो तत्काल हम कुछ लोग सी ओ साहब को बतलाए ओर एक आवेदन भी दिया है जिसमे सी ओ साहब ने आवेदन ले लिया और कह दीये की जांच करवा लेते हैं।
दुर्गेश यादव
रोजगार सहायक ग्राम पंचायत सिझोरा