रेवांचल टाईम्स – मंडला, मध्य प्रदेश के मंडला जिले में बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच गई है यहां पर हमेशा रोजगार का अभाव बना हुआ है, औऱ मनरेगा जैसी योजना भी पर्याप्त रोजगार देने में सफल नहीं हो पा रही है औऱ पंचायत में काम मिल भी जाये तो भुगतान समय में नही हों पा रहा है या फिर पोर्टल में दिखाई पड़ता है पर मजूदरों को हाथ में नही मिल पा रहा हैं, यही वजह है कि इस जिले के अधिकांश जरूरतमंद मजदूर मज़दूरी करने महानगरों की ओर अपना रुख कर रहे है वही जाकर काम कर रहे हैं और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं होली पर्व के बाद मजदूरों का पलायन लगातार शुरू हो चुका है जिसे रोकने के लिए शासन प्रशासन द्वारा कोई परिणामकारी कार्रवाई नहीं की जा रही है, पलायन होने की वजह से लोकसभा में होने वाले मतदान का प्रतिशत कम होगा ऐसी संभावना अनेक लोगों द्वारा जताई जा रही है जन अपेक्षा है कि पलायन को रोकने में असफल सरकारी तंत्र के सभी संबंधितों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए जो मजदूर बाहर गए हैं उन्हें बुलाकर रोजगार दिया जाए और मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जावे और निरंतर रोजगार उपलब्ध करने के लिए शासन प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जावे।