रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले में संचालित प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों में मनमानी चरम सीमा पर कर रही है, औऱ नागरिको में अच्छी खासी नाराजगी नज़र आ रही हैं। जहाँ गरीब आदिवासी ग्रामीण अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे है यहाँ तक कि प्राइवेट स्कूलों में जो फीस के नाम पर जो उगाही चल रही है उसे कर्जा करके दे रहे है पर भी इन्हें राहत नही मिल रही है, पुस्तकें, ड्रेस, आदि के लिए इन्हें उनके चिन्हित संस्थाओं में से खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं, वही दूसरी ओर सरकारी शिक्षा व्यवस्था चौपट हो चली है।
यूं तो मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह ध्वस्त हो गई है बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शासन प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए मध्य प्रदेश के मंडला जिले में सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में मनमानी लापरवाही एवं धांधली चरम सीमा पर पहुंच गई है सभी स्कूल भवनों की हालत खस्ता हो गई है मरम्मत रंग रोगन का कार्य नहीं कराया जा रहा है शौचालय. खेल मैदान. पुस्तकालय .पानी .बिजली एवं अन्य सभी तरह के जरूरी इंतजाम सही तरीके से नहीं किया जा रहे हैं स्कूलों में पढ़ाई सही नहीं हो रही है खासकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है शिक्षक मुख्यालय में नहीं रह रहे हैं और लगातार अप डाउन कर रहे हैं इनके अप डाउन करने पर कोई परिणामकारी कार्यवाही नहीं की जा रही है इसी तरह प्राइवेट स्कूलों में भी मनमानी चल रही है सिर्फ फीस वसूलने का काम ज्यादा किया जा रहा है बिना ट्यूशन के प्राइवेट स्कूलों मैं बच्चे अच्छी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में बिना B.Ed..dEd डिग्री धारी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं बताया तो यह भी जा रहा है कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों का शोषण हो रहा है कम वेतन देकर शिक्षकों से प्राइवेट स्कूलों में अध्यापन कार्य कराया जा रहा है प्राइवेट स्कूलों द्वारा स्कूलों की किताबें सहित सभी तरह की सामग्री खरीदने के लिए या तो दुकान निर्धारित कर दी गई है या फिर स्कूलों से ही यह सभी सामग्रियों का विक्रय किया जा रहा है इस संबंध में कोई जांच पड़ताल शासन प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है इस तरह की चर्चा जोरों पर चल रही है सही क्या है शीघ्र ही प्राइवेट व सरकारी स्कूलों की निष्पक्ष जांच पड़ताल की जाए और जो कमियां है उसे दूर करते हुए तत्काल शिक्षा व्यवस्था सही की जावे सरकारी व प्राइवेट स्कूलों की मनमानी लापरवाही पर लगाम लगाई जावे ऐसी जन अपेक्षा है।