रेवांचल टाईम्स – मंडला, सरकार की मंशा पर ठेकेदार और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पानी फेर रहे हैं। सरकार की मंशा विकास करने की है परंतु जब हर शाख पर भ्रष्टाचार के गिद्ध बैठे हों तो काम कैसे हो पाएंगे, कहने की जरूरत नहीं है। भ्रष्टाचार के गिद्ध जो अपनी नजरें जमाये बैठे हैं और हर काम में अपना हिस्सा बटोरने में लगे हुए हैं तो तो अच्छे काम की कल्पना करना मुश्किल है। मंडला में प्रधान मंत्री सडक़ योजना भी गिद्धों का शिकार हो रही है। विभाग के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिलकर शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
सरकार के आदेश पर सवाल
रेत की जगह डस्ट का इस्तेमाल
प्रदेश सरकार प्रदेश में विकास चाहती है। मगर उसके अधिकारी और कर्मचारी सरकार के आदेशों पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं। शासन की योजनाओं को कागजों में पूरा कर और खाना पूर्ति कर पैसा लेकर निकल जाते हैं। कोई शिकायत करता है। तो उसे लगातार तरह-तरह की मानसिक प्रताडऩा और अपराध में फंसाने की धमकी देकर चुप करने की भरसक कोशिश करते हैं। मगर प्रशासन ऐसे अधिकारियों को क्यों और किन उच्च अधिकारियों के चलते संरक्षण प्राप्त होता है। जांच का विषय बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री सडक़ निर्माण में देखा गया है कि ठेकेदार नाम मात्र के लिए लीपापोती कर पैसा निकाल लेते हैं। जब कोई शिकायत होती है। तो विभाग के अधिकारी सिर्फ जांच के नाम पर ठेकेदार पर खानापूर्ति कर कागजों में जांच को बंद कर दिया जाता है, जिसके कारण अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही बचकर निकल जाते हैं। कार्यवाही शून्य होते ही शिकायतकर्ता परेशान रहता है।
एक तरफ से बन रही और
दूसरी तरफ से टूट रही रोड
ग्राम निवारी चौराहा से पिंडरई तक प्रधानमंत्री सडक़ योजना में सडक़ और नाली का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें योजना का पैकेज क्रमांक एमपी 23714 मेसर्स वैष्णो एशियन कंपनी जबलपुर के द्वारा नाली का निर्माण किया जा रहा है। कंपनी के द्वारा अन्य ठेकेदार गुलाब चंद विश्वकर्मा ठेकेदार को दिया गया है। ठेका दिया गया है। वही ठेकेदार सडक़ और नाली का ऐसा निर्माण कर रहा है कि एक तरफ सडक़ बन रही है और दूसरी तरफ से टूट रही है। सडक़ के दोनों तरफ नाली का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। नाली निर्माण में पेटी ठेकेदार रेत की जगह डस्ट का प्रयोग कर नाली का निर्माण किया गया है।
शासन को चूना लगा रहे ठेकेदार
रोड में हुए भ्रष्टाचार के मामले में एमपीआरडीए विभाग मंडला के उपयंत्री तिवारी का कहना है कि रेत नहीं मिलने कारण पूरी नाली का निर्माण डस्ट से किया गया है। आप कहोगे तो जहां नाली टूटी है। फिर से बना देंग। जिससे साफ होता है। प्रधानमंत्री सडक़ निर्माण विभाग में किस तरह नाली निर्माण में अनदेखी की गई है। जिसमें विभाग अधिकारियों ने ठेकेदार को खुला समर्थन दिया हुआ है। जिसके कारण शासन को करोड़ों का ठेकेदार चूना लगा रहे हैं।
समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पर भी संज्ञान नहीं लिया
शासन की महत्वपूर्ण योजना को ठेकेदार के द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पूर्व में नाली और सडक़ निर्माण को लेकर समाचार पत्र में खबर का प्रकाशन किया गया था। मगर विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और ठेकेदार को और निर्माण कार्य जारी है। नाली निर्माण की जांच कर ठेकेदार पर उपयंत्री पर कार्यवाही की जाए और ठेकेदार का भुगतान रोकना ही शासन हित में होगा।
इनका कहना है।
(1)
मैने पेटी कांट्रेक्ट पर काम लिया है
मैने पेटी में नाली का ठेका लिया है, क्रमांक एमपी 23714 मेसर्स वैष्णो एशियन कंपनी जबलपुर के द्वारा नाली का निर्माण कार्य लिया है। कंपनी के द्वारा मुझे जैसा बोला जा रहा है। वैसा कर रहा हूं।
गुलाब चंद विश्वकर्मा, ठेकेदार
(2)
रेत नहीं मिली तो डस्ट से बना दी नाली
रेत नही मिलने कारण पूरी नाली का निर्माण डस्ट से किया गया है। आप कहोगे तो जहां नाली टूटी है। फिर से बना देंगे।
पीआईओ, उपयंत्री तिवारी
(3)
डस्ट का इस्तेमाल करने कहा गया था
पेटी ठेकेदार के द्वारा मुझे रेत की जगह डस्ट के लिए बोला गया तो चौधरी स्टोन क्रेशर से डस्ट लाकर नाली निर्माण कर रहा हूं। इसमें विभाग के उपयंत्री तिवारी की सहमति से हुआ है।
पवन पवार, मटेरियल सप्लायर