रेवांचल टाईम्स – मंडला, विकास की दृष्टि में म.प्र. में सर्वाधिक पिछड़ जिला मंडला आज भी विकास की बाट जोह रहा है। यहां पर विकास की गंगा आखिर कब बहेगी, नागरिक सवाल कर रहे हैं। इस जिले में धांधली, लापरवाही और मनमानी का साम्राज्य स्थापित हो गया है जिसे समाप्त करने के लिए नेता और नौकरशाह ध्यान नहीं दे रहे हैं । सरकार भी बेहोशी का परिचय दे रही है। खनिज माफिया सक्रिय हैं, रेत चोरी का कारोबार थम नहीं रहा है। अवैध स्टोन क्रेशर बंद नहीं हो रहे हैं। राजस्व व जनसमस्या शिविर फ्लाप हो रहे हैं। ग्रामसभा में पारित प्रस्तावों पर कार्यवाही नहीं हो रही है। मिड-डे मील के समूहों को पिछले शिक्षा सत्र की राशि नहीं दी जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के समूहों को राशन नहीं दिया जा रहा है। वनविभाग के निर्माण कार्य संदिग्ध लग रहे हैं सड़कों के सुधार कार्य नहीं किये जा रहे हैं। साफ-सफाई का काम ठप्प पड़ा हुआ है। बेरोजगारी, गंदगी, बीमारी, धांधली और निरक्षरता जैसी समस्याओं का निराकरण हकीकत के धरातल में नहीं किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत भारी धांधली हो रही है व्यक्तिगत शौचालय के अलावा शुलभ सार्वजनिक शौचालय में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अवैध बिजली कनेक्शन देने की आशंका अनेक लोगों द्वारा जताई जा रही है। नदी नालों में इस समय सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन दिये जा रहे हैं जो संदिग्ध लग रहे हैं। नदी नालों से पानी की सिंचाई की अनुमति कौन दे रहा है और नदी नालों के किनारे बिजली कनेक्शन कैसे दिये जा रहे हैं यह जांच का विषय हो गया है। इसके अलावा तमाम तरह की समस्यायें हैं जिनका निराकरण नहीं किया जा रहा है। जनापेक्षा है सरकार शीघ्र ध्यान दे।