रेवांचल टाईम्स – जुन्नारदेव नगर के मुख्य बाजार को शनैः – शनैः मुर्गीबाजार में तब्दील किया जाने लगा है। एक एक कर मुर्ग – मसल्लम की बदबू से बजबजाती दुकानें बढ़ती ही जा रहीं हैं।
लुकाछिपी कर बेचा जाने वाला यह अपथ्य खाद्य पदार्थ दुकानदारों की संख्या बढ़ने के साथ ही खुल्लेआम बेचा जाने लगा है। साथ ही गंदा पानी सड़कों पर स्पष्टतः देखा जा सकता है इन सबसे नगर के मुख्यबाजार के हालात मुर्गीबाजार से दिखने लगे हैं।
हवा हुए मुख्यमंत्री के आदेश – सूबे के मुखिया श्री मोहन यादव ने प्रदेश की बागडोर संभालते ही आदेश जारी किए थे कि किसी भी सार्वजनिक स्थल,मठ/मंदिर अथवा रास्ते से लगकर मांस का विक्रय नहीं किया जा सकेगा। वहीं इसके लिए कई नियम भी कढ़ाई से पालन कराने के निर्देश प्रशासन को दिए गए परंतु नगर के पवित्रतम श्री हनुमान मंदिर तथा बाजार के सेंटर पर खुला मुर्गीबाजार को देखकर सहज ही अनुमान लगता जा सकता है कि नगरपालिका जुन्नारदेव में भाजपानीत परिषद के आधीन प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों को हवा किया जा रहा है?
मटन मार्केट से प्रतिस्पर्धा – वर्षों से पारंपरिक जगह पर शहर की कुंद गली में व्यवस्थित ढंग से चल रहे मटन मार्केट से अब शहर को मुर्गीबाजार बनाने में भूमिकारत व्यवसायियों द्वारा संख्याबल का दम दिखाते हुए प्रशासन के समक्ष आंखे तरेरकर मटन मार्केट को हटाने की बात भी किए जाने की जानकारी सूत्रों के हवाले से प्राप्त हुई है। अब देखना है कि नगर में नियम – कानून से व्यवस्था बनाई जाएगी या फिर सब लीपापोती? यह भविष्य के गर्भ में है।
इनका कहना है –
मटन मार्केट आजादी के पहले से उसी स्थान पर एक सेप्रेट स्थान पर चल रहा है परंतु मुर्गीबाजार बीच बाजार क्षेत्र में खुलने से आम नागरिकों को समस्या उत्पन्न हो गई है अतः इसे अन्यत्र स्थापित किया जाना आवश्यक है। सभी प्रकार के मांस का विक्रय नियमानुसार चिन्हित स्थान पर किया जाना चाहिए।
छिंदवाड़ा से जितेंद्र अलबेला की रिपोर्ट