दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला जिले में शिक्षा विभाग इन दिनों चर्चा में बना हुआ है,कभी बीईओ साहब के द्वारा पत्रकारों से अभद्रता की जाती है तो कभी स्कूलों में शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। एक बार फिर एक सनसनीखेज मामला सामने आया है,जहां शासन के नियमों को दरकिनार कर एक शिक्षक तीन बच्चों के पिता होने के बाद भी बड़े आराम से सरकारी नौकरी कर रहे है।
शासन ने 2001 के बाद तीसरी संतान होने के बाद शासकीय नौकरी के लाभ से लोगों को वंचित रखा है, फिर भी मंडला जिले में कई शासकीय सेवक ऐसे है, जो अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में शासन प्रशासन को अंधेरे में रखकर गलत जानकारी दी,ऐसा ही एक मामला मवई विकास खंड का सामने आया जहाँ एक शिक्षक जो लूरी प्राथमिक शाला में पदस्थ है,जिनकी तीन संतान है लेकिन विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं और शिक्षक मजे से अपनी नौकरी कर रहे है,जब हमने शिक्षक से पूछा तो उनका कहना था कि हम प्राथमिक शिक्षक हैं और हम इस दायरे में नहीं आते है।
वही जब हमने सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के लाल शाह जागेत से जानकारी ली तो उनका कहना है की 2001 के बाद अगर कोई शासकीय कर्मचारी की तीसरी संतान होती है, या फिर जिसकी तीन संतान है और वो गलत जानकारी देकर नौकरी करता है तो उस पर कार्यवाही निश्चित होना चाहिए।
फिलहाल देखना होगा की शासन के नियमों की अवहेलना करने वाले शिक्षक पर प्रशासन कोई एक्शन लेता है या नहीं।