रेवांचल टाईम्स – मंडला, भुआ बिछिया में महिला सक्षम होकर एक बड़े स्तर पर कैसे महिला हिंसा एंव घरेलू हिंसा को रोक पाने में सक्षम होगी इस दिशा में एक छोटा सा प्रयास है सखी उत्सव इसे आवाज जनकल्याण समिति एवं महिला एवं बाल विकास संयुक्त रूप से मना रहा है।
महिला सक्षम होकर एक बड़े स्तर पर कैसे महिला हिंसा एंव घरेलू हिंसा को रोक पाने में सक्षम होगी इस दिशा में एक छोटा सा प्रयास है सखी उत्सव इसे आवाज जनकल्याण समिति महिला दिवस के अवसर पर प्रति वर्ष पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाता है, आज समापन अवसर पर महिलाएं अत्यंत उत्साहित दिखाई दी सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया कार्यक्रम आवाज जनकल्याण समिति के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र की मनोहरपुर, बरखेड़ा, धरमपुरी, पड़रिया, कटंगा माल, खटोला, किसली भिलवानी एंव जोगीसोढ़ा पंचायतों के शौर्यादल, ग्रामसभा स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति, मातृ सहयोगिनी समिति की महिलाओं एंव अन्य ग्रामीण के साथ मनाया कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आगे बढ़ाना व सशक्तिकरण पर आधारित था ,महिला दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए आवाज के समन्वयक सत्यनारायण डेहरिया ने कहा कि अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आहवान पर यह दिवस सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को मनाया गया 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगेन सम्मेलन में इसे अंतर्राष्ट्रीय का दर्जा दिया गया।
वही 1921 से इसे 8 मार्च को मनाया जाने लगा। आवाज जनकल्याण समिति एक स्वयं सेवी संस्था है जो 2013 से महिला अधिकार एंव बच्चों के अधिकार पर काम कर रही है, इसमें हम किशोरी समूह, महिला समूहों, शौर्या दल की बहनों के साथ पूरे सप्ताह में अलग अलग गतिवधि करते है, हमारा उद्देश्य महिला सशक्तिकरण तो है ही लेकिन महिला हिंसा, घरेलू हिंसा के विरोध में महिलाएं कैसे सशक्त होकर आगे, पुरूष वर्ग कैसे संवेदनशील होगा ,आवाज इस आयोजन को सखी उत्सव के रुप मेंं मनाता आया है और आज हम सभी भाईयों बहनो के जेंडर संवेदीकरण पर पहल करते हुए सखी उत्सव मना रहे हैँ ।
कार्यक्रम में आवाज जन कल्याण समिति के जिला समन्वयक सत्यनारायण डेहरिया, ब्लाक समन्वयक आकाश झारिया एंव सभी पंचायत स्तरीय कार्यकर्ताओं के अलावा महिला एवं बाल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका रही।