सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने लोगों को संगठित और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं साहस, निष्ठा और धर्म की रक्षा का प्रतीक हैं। इसलिए सिख समुदाय के लोग गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं। रविवार को गुरुद्वारा प्रेमनगर मैदान में गुरु गोविंद सिंह की जंयती के उपलक्ष्य में दो दिवसीय आयोजन हुआ। जिसमें भव्य कीर्तन दरबार के साथ प्रकाश उत्सव मनाया गया। सिख संगत के लोगों ने दरबार में पहुंचकर मत्था टेका और अरदास की। इस मौके पर श्री दरबार साहिब हरिमंदर साहिब अमृतसर पंजाब के हुजूरी रागी जत्था भाई बलविंदर सिंह, भाई जसविंदर सिंह लुधियाना, अखंड कीर्तनी जत्था के साथ ही प्रसिद्ध रागी जत्थों ने शिरकत की। कार्यक्रम में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने भी पंहुचकर मत्था टेका। राकेश सिंह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने अपने बच्चे, परिवार सहित अपना सर्वस्व राष्ट्र, धर्म और लोगों की रक्षा में कुर्बान कर दिया। ऐसे में वह हर भारतीय के लिए एक ज्वलंत प्रेरणा हैं।खालसा पंथ की स्थापना के पीछे इनका उद्देश्य धर्म की रक्षा करना और मुगलों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाना था।