रेवांचल टाइम्स मंडला.- मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला होने के नाते यहां पर अपार खनिज संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जिले में माफियाओं की नजर लगती नज़र आ रही है, जिले में राजस्व भूमि और किसानों की भूमि में बेहताशा खुदाई की जा रही है और जिले में बैठें जिम्मेदार खनिज अधिकारी और उनके अधीनस्थ पदस्थ कर्मचारियों को कुछ भी नही पता है कि कौन से क्रेशर के लिए कितनी भूमि लीज दी गई है उन्हें कितने सालों की अनुमति प्रदान की गई और वह क्रेशर संचालन किन किन जगहों पर खुदाई कर रहे है जब भी अबैध उत्खनन और परिवहन होने की जानकारियां लेना चाहते है तो उनका कहना है मुखे जानकारी नही है और हम कार्यवाही तो करना चाहते पर हमारे पास न स्टॉप और न ही बल और जैसे ही हम ऑफिस से निकलते है तो उन अबैध उत्खनन और परिवहन कर्ताओं को पहले ही पता चल जाता है हमारी भी मजबूती है और जब कार्यवाही करना चाहते है तो कोई भी बड़े नेता या भी बरिष्ठ अधिकारियों के फोन आ जाते है हम करे भी तो क्या वही हमारे ऊपर बैठी कलेक्टर महोदया भी चाहती है कि जिले में सब कार्य नियम से चले पर हमें भी पता है कि कहा कहा नियम से काम चल रहै है पर हम दौरा करते है हमारे ऑफ़िस के बाहर ही कुछ लोगो की आये आप लोग भीड़ देख सकते है हम कहा जा रहे है ये उन्हें पता चल जाता है और जो बाहर सड़क के किनारे खड़े है सब अबैध उत्खनन और परिवहन कर्ताओं के ही लोग बैठे रहते है हम करे भी तो क्या हम उन्हें भी कुछ नही कह सकते है जानते सब है,।
लेकिन खनिज विभाग की उदासीनता देखने ही मिलती है कि खनिज विभाग की कुंभकर्णी नींद को जगाने में चौथा स्तम्भ जिसे मीडिया कहते हैं इनके अनेक प्रयास के द्वारा भी मंडला जिले में बैठे खनिज विभाग के अधिकारी गण किसी भी तरह से न कार्रवाई करते हैं और न किसी तरह अवैध उत्खनन और ब्लासटिंग पर नकेल कसी जा रही है.
खनिज विभाग अगर मंडला जिले के क्रेशर संचालन की जांच कर ले तो अनेक अवैध क्रेशर की कहानी स्पष्ट हो जायेगी की कितने वैध तरीके से संचालन हो रहा है.
ऐसा ही एक मामला जनपद घुघरी का है और कितनी उन्हें लीज दी गई है और वह लीज को छोड़ राजस्व और भोलेभाले किसानों को प्रलोभन देकर उनकी भूमि में गड्ढा बना रहे है, जहां पर अवैध क्रेशर संचालन और समय बेसमय ब्लासटिंग से गांव के गांव थर्रा जाते हैं लेकिन खनिज विभाग की आंखें कब खुलेंगी और कब क्रेशर के आसपास निवासरत ग्रामीणों को राहत की सांस लेने को मिल पायेगी।
इन अवैध उत्खनन और संचालन पर कार्रवाई करेगा कौन
अगर इन क्रेशर पर जांच या इनका निरीक्षण किया जाये तो मीलों मील ब्लासटिंग और उत्खनन की तस्वीर साफ नजर आ जायेगी लेकिन खनिज विभाग की मिलीभगत कहें या नोटों की चमक के चलते इनके अवैध काम को जो कि पूरी तरह से वैध दिखाया जाता है जो केवल कागज में ही वैध है लेकिन नजरों से देखा जाये या उच्च अधिकारीगण देखें तो साफ दिखाई देगा कि कितने वैधानिक रूप से चालू हैं।
इनका कहना है …
हमारे गाँव के आसपास की जमीन को क्रेशर मालिकों ने खोदा खोद दिया और हमारे यहाँ पर पूरा पटपरा जमीन है हमे कहा जाता है कि हम खेत बना देंगे और हमारी जमीन से पत्थर निकाल कर जगह जगह गड्ढा कर दिया जाता है, हम करे भी तो क्या करे सब को सब पता है कोई कार्यवाही नही होती है और अगर कोई कार्यवाही होती है हमे धमकी दी जाती है कि जांच करने आ रहे है कुछ न कहना अपन को तो यही रहना है।
ग्रामीण किसान….