धूमधाम से मनाया गया गुरुनानक देव का प्रकाशोत्सव
गैरीसन ग्राउंड में सजा भव्य दरबार मत्था टेककर लोगों ने की अरदास
श्री गुरुनानक देव की 555 वी जयंती शुक्रवार को प्रकाश उत्सव के रूप में हर्ष, उल्लास, उमंग, उत्साह और श्रद्धापूर्वक मनाई गई। सिक्ख संगत द्वारा सदर गैरीसन ग्राऊंड में भव्य कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। जहां स्थापित साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष श्रद्धालुओं ने माथा टेककर मन की मुरादें मांगी और परस्पर एक-दूसरे को प्रकाश उत्सव की बधाइयां दी। गुरु ग्रंथ साहिब के सामने माथा टेकने वालों की सुबह से ही कतार लगी रही।अमृतसर से आये रागी जत्थों ने मनमोहक गुरूवाणी शबद कीर्तन प्रस्तुत कर साथ संगत को रस विभोर किया।
सुबह नौ बजे से मुख्य आयोजन का शुभारम्भ हुआ। जिसमें नगर के सिख धर्मावलम्बी, शैक्षणिक संस्थाओं, सभाओं व सोसाइटी से जुड़े लोग शामिल हुए। इस अवसर पर दिनभर गुरु का लंगर चखने के लिये लोगों की भीड़ उमडी।लगभग 50 हजार श्रृद्धालु कार्यक्रम में शिरकत की।
गौरतलब है कि जब 1507 ईसवीं को गुरु नानक देव जी महाराज ने पंजाब से अपनी यात्रा शुरू की थी तो उस दौरान उनके चरण ग्वारीघाट तट पर भी पड़े थे. गुरु नानक देव जी ने तब नर्मदा किनारे बनी पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर तप किया था।
मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा में माथा टेका
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुनानक जयंती के अवसर पर भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा पहुंचकर श्रद्धा से माथा टेका और प्रदेशवासियों को गुरुनानक जयंती की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गुरु नानक देव जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें अखंड भारत का प्रणेता बताया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गुरुनानक जयंती की बधाई देते हुए कहा कि गुरु नानक जी ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने जीवनभर सच्चाई, अच्छाई, बराबरी और मानवता के लिए काम किया। वे अखंड भारत के प्रणेता थे और आज भी उनकी शिक्षा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है।