सनातन धर्म में सप्ताह के 7 दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं. समर्पित दिन पर देवी-देवता की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. हफ्ते का पहला दिन यानी सोमवार शिव जी की पूजा करने के लिए खास माना जाता है. इस दिन जो भी व्यक्ति श्रद्धाभाव से भोलेनाथ की पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है और भगवान शिव अपनी कृपा बनाए रखते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि सप्ताह के 7 दिन में से सोमवार ही क्यों भगवान शिव की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है. आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण और पौराणिक कथा.
सोमवार का दिन क्यों है खास?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की जा सकती है. सोमवार का दिन समर्पित होने का कारण इस दिन के नाम में ही है. सोमवार में सोम का अर्थ होता है चंद्रमा जो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं. इसके अलावा जब हम सोमवार बोलते हैं तो ऊँ का भी उच्चारण होता है. भगवान शिव भी ओंकार हैं इसलिए ये भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार सोमवार के दिन ही चंद्र देव ने भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी जिससे महादेव प्रसन्न हुए थे और उन्हें निरोगी काया का वरदान दिया था. इसी कारण से सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए विशेष माना जाता है.
माता पार्वती ने रखे थे 16 सोमवार व्रत
दूसरी एक कथा ये भी है कि मां पार्वती ने भोलेनाथ को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और 16 सोमवार के व्रत रखे थे. इससे प्रसन्न हो कर भोलेनाथ ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में अपनाया था. ये भी एक मुख्य कारण है कि भगवान शिव की पूजा सोमवार को की जाती है.