बॉलीवुड अभिनेता प्रेमनाथ की निशानी,और अंग्रेजों के जमाने की एम्पायर टॉकीज अब केवल इतिहास में दर्ज होकर रह गई है दरअसल जर्जर इमारत को गिराने के क्रम में निगम प्रशासन ने मंगलवार को अंपायर टॉकीज के जर्जर भवन को जमींदोज कर दिया। इसके साथ ही इस टॉकीज के साथ जुड़े बॉलीवुड के इतिहास की कहानियां फिर से संस्कारधानी वासियों की जुबान पर आ गई हैं।
सागर जिले में दीवार गिरने से नौ बच्चों की मौत का हादसा होने के बाद जबलपुर जिला कलेक्टर के द्वारा खतरनाक और जर्जर भवनों दीवारों बाउंड्री वॉल जैसी संरचनाओं को गिराने के आदेश जारी किए गए थे। इसी प्रक्रिया के तहत यह कारवाई की गई। इस टाकीज के आसपास का पूरा क्षेत्र ही अंपायर चौराहे के नाम से जाना जाता है।
बॉलीवुड अभिनेता प्रेमनाथ इस एंपायर टॉकीज की दीवार फांदकर फिल्म देखने जाया करते थे. अंग्रेजों द्वारा एक बार बाहर कर दिए जाने पर उन्होंने कसम खाई थी कि एक दिन यह थिएटर खरीद लेंगे और 1952 में सिविल लाइन्स में स्थित इस एंपायर टॉकीज को बॉलीवुड अभिनेता प्रेमनाथ ने खरीद लिया था।भारतीय सिनेमा के सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर द्वारा संस्कारधानी के इस ऐतिहासिक एंपायर टॉकीज में भारतीय फिल्मों की शुरुआत की गई थी. 1952 में पहली फिल्म बादल से एंपायर टॉकीज में हिंदी फिल्मों का सिलसिला शुरू हुआ और काफी लंबे समय तक चला. मशहूर अभिनेता राज कपूर भी समय-समय पर इस टॉकीज में फिल्म देखने जबलपुर अक्सर आया करते थे और अपने साले प्रेमनाथ के साथ ग्वारीघाट, भेड़ाघाट भी घूमा करते थे.कुछ समय पहले प्रेम नाथ के पुत्र मोंटी प्रेमनाथ ने अंपायर टॉकीज की भूमि पर एक शानदार मॉल बनाने का बयान दिया था।