जबलपुर। छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप का फार्म भरने में परेशानी हो रही है जिसका बड़ा कारण पोर्टल का बंद होना है। छात्रों को यह नहीं पता कि पोर्टल कब चालू होता है और कब बंद हो जाता है। छात्रों को इसकी सही जानकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय से भी नहीं मिल पा रही है।
स्कॉलरशिप गरीब छात्रों के लिए संजीवनी से कम नहीं है। ऐसे में उनके साथ प्रशासन खिलबाड़ कर रहा है। जिसके चलते उनका भविष्य अंधकार में जाते हुए नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आ कर नामी-ग्रामी कॉलेजों प्रवेश लेने वाले अधिकतर छात्र-छात्राएँ स्कॉलरशिप के भरोसे ही पढऩे आते हैं। अगर समय पर इनको स्कॉलरशिप न मिले तो ये कॉलेज की फीस नहीं भर सकतेे हैं। इसीलिए राज्य सरकार इनको फ्स्ट इयर से ही स्कॉलरशिप देती है। ताकि उनकी पढ़ाई में कोई खलल उत्पन्न न हो। एसटी, एससीएसटी और ओबीसी के छात्र-छात्राओं का कहना है कि राज्य सरकार के द्वारा विगत कुछ दिनों पहले स्कॉलरशिप का पोर्टल ओपन किया गया था। परंतु कॉलेज प्रबंधन ने इसकी जानकारी समय रहते नहीं दी जब पोर्टल बंद होने का समय आया तब कॉलेज प्रबंधन द्वारा स्कॉलरशिप का फार्म भरने की जानकारी दी गई। कुछ छात्र-छात्राएँ के द्वारा ही फार्म भर पाये थे तभी सर्वर डाउन की समस्या उत्पन्न होने लगी। इसके बाद पोर्टल बंद ही हो गया। जिसके चलते पूरे प्रदेश के लाखों स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप का फार्म भरने से वंचित रह गये है।
अधिकारियों की दया पर निर्भर छात्र-छात्रओं की स्कॉलरशिप
कॉलेज छात्र-छात्रओं का कहना है कि पोर्टल दोवारा कब ओपन होगा इसकी जानकारी के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो गए हैं। परंतु वहां कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। वहीं जानकारों का कहना है कि भोपाल में बैठे अधिकारी जब चाहेेंगे तब पोर्टल ओपन होगा नहीं तो नहीं होगा। वहीं छात्रोंं का यह भी कहना है कि ऑफ लाइन फार्म भरने की सुविधा ज्यादा बेहतर थी।
छात्र हो रहे परेशान
छात्र-छात्राओं से बात करने पर, उनके द्वारा बताया गया की स्कॉलरशिप का पोर्टल भोपाल स्थित कार्यालय से ओपन किया जाता है। इसके चलते पूरे मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राएं स्कॉलरशिप के फार्म भरने के लिए परेशान हैं। इनके द्वारा कलेट्रटर व जिला शिक्षा अधिकरी से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बाद भी कोई इनकी सुध नहीं ले रहा है।