एंट्री रजिस्टर सुरक्षित रखने के निर्देश
जबलपुर। आधारताल निवासी मोनू विश्वकर्मा की हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मोनू को 19 जून 2023 को आधारताल थाना पुलिस द्वारा एक आपराधिक मामले में हिरासत में लिया गया था और पूछताछ के बाद 20 जून को स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया था, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। जेल पहुंचने पर उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन का दावा था कि मोनू की मौत हार्ट अटैक से हुई, लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस और जेल में उसके साथ मारपीट की गई थी, जिसके कारण उसकी मौत हुई।
परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए 20 से 22 जून 2023 तक की अवधि के केंद्रीय जेल जबलपुर के एंट्री और मेडिकल रजिस्टर को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया। इसके साथ ही डीजीपी, जबलपुर एसपी, जेल अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज के डीन, और आधारताल थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता बालकृष्ण विश्वकर्मा, मोनू के पिता, का आरोप है कि पुलिस हिरासत के दौरान उनके पुत्र को चोटें आई थीं, जबकि हिरासत में लेने के समय वह पूरी तरह से स्वस्थ था।