गणेश प्रतिमाओं को दिया जा रहा आकर्षक रूप

सात को गणेश चतुर्थी, पंडाल भी हो रहे तैयार

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जबलपुर । विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश के दस दिवसीय महापर्व को अब दो दिन शेष हैं। 7 सितम्बर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। मूर्तिकार गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। वहीं गणेश उत्सव समिति पंडाल सजाने में जुटी है। बाजार में साज-सज्जा की सामग्री की दुकानें सज गई हैं। महाराष्ट्र, पूना और नागपुर से बनकर आयी गणेश प्रतिमाएं यहां मार्केट में सज गयी।

गणेश चतुर्थी के दिन हिन्दू धर्मावलम्बियों के घर-घर में विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य श्री गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। दस दिनों तक भगवान श्री गणेश घर-घर में मेहमानी करेंगे। गणेश उत्सव नजदीक आ जाने से मूर्तिकारों ने प्रतिमाओं को गढऩे का काम तेज कर दिया है। जगह-जगह मूर्तिकार मूर्तियों को तैयार कर चुके हैं, मंहगाई का असर गणेशोत्सव पर भी पड़ रहा है। रंग-रोगन और कला भी मंहगा हो गई है। जबलपुर में बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थानीय कलाकार बनाते हैं और छोटी मूर्तियां भी बनाई जाती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से महाराष्ट्र पैटर्न की मूर्तियां लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रही हैं। अष्ट विनायक, बाल गणेश, दूल्हा स्वरूप और सिद्धि विनायक के स्वरूप में आने वाली प्रतिमाओं की मांग ज्यादा रहती है। उनकी मांग बढऩे से मूर्तिकार और विके्रता भी डबल फायदा उठाते हैं। लेकिन इस बार लोगों में जागरूकता आई है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी से बनी मूर्तियों को शुद्धता और पर्यावरण की नजर से पसंद किया जा रहा है। नागपुर से आने वाली मूर्तियों की डिमांड में कमी आई है और लोकल कलाकारों को फिर से वजन मिलने लगा है और उनकी कला को पसंद किया जाने लगा है। स्थानीय कलाकारों ने भी एक से बढ़कर एक मूर्तियां बनाई हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही हैं।

 

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