फीस वृद्धि के मामले में हाईकोर्ट ने जिला कमेटी के आदेश पर लगाई रोक

कलेक्टर और राज्य सरकार को नोटिस, 25 को होगी सुनवाई 

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जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में स्कूल फीस वृद्धि और रिफंड के मामले में जिला कमेटी के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। एक्टिंग चीफ  जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ  की युगलपीठ ने जिला कमेटी के आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान बैंच ने राज्य सरकार और जबलपुर कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

ये है मामला

जबलपुर के क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल, सेंट जॉन्स स्कूल दमोह ज्ञान गंगा सहित पांच स्कूलों की ओर से यह अपील दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि जिला कमेटी के द्वारा उनके स्कूल की फीस का निर्धारण किया गया है, इसके अलावा साल 2017-18 से की गई फीस वृद्धि की राशि वापस लौटाने के आदेश जारी किए थे। जिसे चुनौती देते हुए पांच निजी स्कूलों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की शरण ली थी।

स्कूलों की तरफ से ये कहा गया

हाईकोर्ट एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज किए जाने के कारण यह डबल बेंच में अपील दायर की गई है. अपीलकर्ता स्कूलों की ओर से कहा गया है कि मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) के तहत स्कूल प्रबंधन फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकता है।

स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस वृद्धि में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी की जाती है, तो इसके लिए जिला कमेटी से अनुमति आवश्यक है। फीस में 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने पर राज्य कमेटी से अनुमति आवश्यक है। निजी स्कूलों का तर्क है कि स्कूल प्रबंधन के द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं की गयी है। अपवाद स्वरूप अधिकतम 13 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है. जिला कमेटी ने मनमाने तरीके से फीस वृद्धि का निर्धारण किया है। युगलपीठ ने अपील की सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किए, अपीलकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा।

 

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