रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री का हुआ आगमन
आज वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री के जबलपुर प्रवास को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना व पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने नर्रई नाला स्थित समाधि स्थल और वेटरनरी ग्रांउड की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के दोनों कार्यक्रमों की संपूर्ण व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा 52 गढ़ की मालकिन होते हुए भी प्रजा के लिए मां थीं, इतिहास में उनके साथ न्याय नहीं हुआ, देश के प्रधानमंत्री उनके कार्यक्रम में शामिल हुए थे, वही परंपरा मुख्यमंत्री यादव आगे बढ़ा रहे हैं। 23 हजार गांव चिन्हित किए थे जिनमें उन्हें पता था कहां कौन सी फसल होगी। पंच साल विधि से 52 ताल 84 तलैया बनवाए। 52 युद्व जीते, हर युद्व जीतकर प्रजा के हित में तालाब बनवाती थीं। भाजपा की सरकार उनके दिखाए रिश्ते पर आगे चल रही है। जबलपुर का एयरपोर्ट रानी दुर्गावती के नाम पर हो, मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर भी रानी दुर्गावती के नाम पर हो
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती को बताया समाज के लिए गौरव हैं। यहां पानी के लिए वीरांगना ने कई सारे जल स्त्रोत बनाए। लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गई थी यह वही स्थान है, जहां आज उन्हें हम नमन करने आए हैं। मुख्यमंत्री बोले-मध्य प्रदेश में इन्ही के नाम पर पहली कैबिनेट की बैठक भी जबलपुर में आयोजित की गई थी। गोंडवाना साम्राज्य में जितने भी जल स्रोत हैं वह रानी दुर्गावती ने ही बनाए थे।
समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री ने पौधा रोपण किया। साथ ही पगड़ी पहन कर मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के साथ सैला नृत्य भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 वर्ष पहले एक ऐसी वीरांगना ने जन्म लिया जिसने भारत का मान बढ़ाया। रानी दुर्गावती 461 वें बलिदान दिवस पर पूरे प्रदेश में जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम स्थल पर रानी दुर्गावती पर केंद्रित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और संस्कृति राज्य मंत्री धमेन्द्र सिंह लोधी भी उपस्थित रहे।