Varuthini Ekadashi 2024: एकादशी के दिन क्यों नहीं खाने चाहिए चावल? क्या है कारण, पढ़ें पौराणिक कथा

58

 हिन्दू धर्म में एकादशी की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-शांति आती है और धन-वैभव की प्राप्ति होती है. जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है उसपर श्रीहरि जी की विशेष कृपा बनी रहती है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. आज यानी 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत है. हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है.

एकादशी पर क्यों नहीं खाए जाते चावल?
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है. इसी तरह एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है. क्या आप जानते हैं एकादशी के दिन चावल का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं इसका कारण और पीछे की पौराणिक कथा.

पढ़ें पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी मां के प्रकोप से बचते-बचते महर्षि मेधा ने अपने शरीर को त्याग दिया. इसके बाद महर्षि के शरीर के अंश धरती में समा गए. मान्यताओं के अनुसार जिस जगह महर्षि के शरीर के अंश समा गए थे वहां चावल और जौ उग गए थे. इस कारण से चावल को पौधा नहीं बल्कि एक जीवन के रूप में माना जाता है. जिस दिन महर्षि मेधा धरती में समाए थे उस दिन एकादशी की तिथि थी. इस कारण से एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है.

चावल खाने से क्या होता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग एकादशी के दिन चावल का सेवन करते हैं उनका अगला जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। हालांकि द्वादशी को चावल खाने से इस योनि से मुक्ति भी मिल जाती है.

एकादशी के दिन क्या न करें?
1. एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.
2. एकादशी पर मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
3. एकादशी के दिन किसी को भी जानकर परेशान न करें और किसी को अपशब्द न बोलें.

Leave A Reply

Your email address will not be published.